लेखक- निखिल अग्रवाल  

बीते 16 जून की बात है. उस दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा शहर में हुगली नदी के किनारे सुबह से ही लोगों का हुजूम जुटने लगा था. इन लोगों को इंतजार था जादूगर चंचल लाहिड़ी के आने का. कोलकाता के मशहूर जादूगर चंचल ने उस दिन हैरतअंगेज कारनामा दिखाने की घोषणा की थी. चंचल पश्चिम बंगाल में जादूगर ‘मैंडे्रक’ के नाम से मशहूर थे.

जादूगर चंचल जो नायाब कारनामा दिखाने जा रहे थे, वह जादुई करतब दुनिया के महान अमेरिकी जादूगर हैरी हुडिनी से मशहूर हुआ था. करीब सौ साल पहले जादूगर हुडिनी ने खुद को एक पिंजरे में बंद कर ताले लगवा दिए थे. यह पिंजरा गहरे पानी में डुबो दिया गया. इस के बाद हुडिनी अपने जादू की कला से पिंजरे के ताले खोल कर कुछ ही देर में पानी की सतह पर आ गए. यह खेल दिखा कर जादूगर हुडिनी ने अपना नाम पूरी दुनिया में अमर कर लिया था.

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कोलकाता के मशहूर जादूगर चंचल ने जादूगर हुडिनी के इसी करतब को दिखाने की तैयारी की थी. चंचल यह कारनामा तीसरी बार दिखाने जा रहे थे. सब से पहले मैंड्रेक यानी चंचल ने यह कारनामा 1998 में दिखाया था. इस के बाद दूसरी बार 2013 में भी उन्होंने यह करतब दिखा कर पूरे देश में अच्छी खासी लोकप्रियता हासिल कर ली थी. अपनी लोकप्रियता के चलते जादूगर चंचल विभिन्न राज्यों में अपने जादू का प्रदर्शन करने लगे थे.

जादूगर चंचल ने पानी की सतह पर चलने का करतब दिखाने की भी घोषणा कर रखी थी. जब वे प्रचार के लिए निकलते थे, तो गाड़ी के साथ करीब 10 फुट ऊंचाई पर हवा में चलते थे. भीड़ भरी सड़कों पर जादूगर का इस तरह का लाइव कारनामा देख कर दर्शक रोमांचित हो जाते थे.

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