Grihshobha Empower Moms : दिल्ली में गत 10 मई को कासा रॉयल, पीरागढ़ी में सुबह 11 बजे से गृहशोभा एम्पावर मॉम्स इवेंट का आयोजन किया गया. यह इवेंट एकदम मदर्स डे से एक दिन पहले रखा गया क्यों कि हम सब जानते हैं घर हो या हमारी लाइफ, हमारी मां सब कुछ संभालती है. ऐसे में मां के नाम एक इवेंट तो बनता ही है। गृहशोभा एम्पावर हर का पहले भी मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, इंदौर, चंडीगढ़, लुधियाना और जयपुर में सफल आयोजन हो चुका है. अब सीजन 3 की शुरुआत दिल्ली से की गई। इस सीजन में हम 10 शहरों में इस का आयोजन करेंगे जिसमें नोएडा, पुणे, मुंबई समेत और भी कई शहर शामिल हैं. लेकिन स्पॉटलाइट में है दिल्ली की स्ट्रांग और स्टाइलिश लेडीज.
https://youtu.be/-l2aSoH5Jts
पहला सेशन : वुमन मेन्टल हेल्थ एंड वेलनेस सेशन
सब से पहले वुमन मेन्टल हेल्थ एंड वेलनेस सेशन की शुरुआत हुई. इस के तहत ऐसे टॉपिक पर बात की गई की जो अक्सर अनस्पोकन रह जाता है. दरअसल एक स्वस्थ दिमाग उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि एक स्वस्थ शरीर। इस महत्वपूर्ण सेशन के लिए अनुभवी एक्सपर्ट शर्ली राज मंच पर आईं जो सिर्फ एक क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट ही नहीं बल्कि प्राइवेट क्लीनिकों में एक कंसलटेंट, एक ट्रेनर और यहां तक कि एमिटी विश्वविद्यालय में भी पढ़ा चुकी हैं. वह एमपावर - द सेंटर , लाजपत नगर में आउटरीच सहयोगी भी हैं. उन का फील्ड बचपन के विकास संबंधी विकार जैसे ऑटिज्म और एडीएचडी से ले कर एडल्ट्स में एंजाइटी प्रोब्लम्स जैसे जीएडी, ओसीडी, फोबिया, पैनिक अटैक आदि सब से जुड़ा है. उन्होंने थेरेपी के मल्टीपल फॉर्म्स में ट्रेनिंग लिया है - बिहेवियरल थेरेपी से लेकर कॉग्निटिव और यहां तक कि ईएमडीआर थेरेपी तक.
शर्ली राज ने महिलाओं को समझाया कि उन्हें अपने हेल्थ का ख्याल क्यों रखना चाहिए और क्यों खुद को इग्नोर नहीं करना चाहिए। खासकर अपने मेंटल हेल्थ को. बहुत सी महिलाएं, माँ बनने के बाद अपनी ज़रूरतों को सबसे आखिर में रखती हैं। सुबह से रात तक बच्चों, परिवार और घर की जिम्मेदारियों में उलझ कर वे अपनी थकान, चिंता, और भावनाओं को अनदेखा करती रहती हैं। याद रखें आत्म-देखभाल कोई स्वार्थ नहीं, बल्कि एक ज़रूरत है। जब आप खुद के लिए थोड़ा समय निकालती हैं – चाहे वो 10 मिनट की चाय हो या बिना किसी काम के बैठकर साँस लेना – तो आपका मन शांत होता है और यही शांति पूरे घर के माहौल को सकारात्मक बना देती है। आपकी ख़ुशी आपके बच्चों, पति और पूरे परिवार पर असर डालती है.
इस के बाद सिल्क मार्क ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया के डिप्टी सेक्रेटरी टेक श्री दशरथी बेहरा ने सिल्क की शुद्धता और सिल्क मार्क लेबल की मदद से प्रामाणिक, शुद्ध सिल्क उत्पादों की पहचान करने और चुनने में मदद करने के बारे में बताया.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन