नए रिवाज के लिहाज से तो मध्य प्रदेश के महू में हुए सामूहिक बलात्कार कांड का जिम्मेदार तो प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को माना जाना चाहिए. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए एक डाक्टर के बलात्कार का हल्ला अभी थमा नहीं है. भाजपाइयों ने इस मामले पर आसमान सर पर उठा लिया था. देश भर के डाक्टरों ने भी धरने प्रदर्शन किए थे और एक वक्त में तो माहौल ऐसा बन गया था मानो ममता बनर्जी ही इस की जिम्मेदार हों. इधर महू के बलात्कार पर देश तो क्या मध्य प्रदेश में भी कोई हलचल नहीं है. जब सैन्य अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं तो बाकियों की तो बात करना ही बेकार है.
मामला 9 सितम्बर की देर रात 2 बजे के लगभग का है. महू छावनी के दो युवा सैन्य अधिकारी अपनी गर्लफ्रैंडों के साथ पिकनिक मनाने के लिए महू मंडलेश्वर मार्ग पर गए थे. ये दोनों महू केंट के इन्फेंट्री स्कूल में यंग औफिसर्स ( वाईओ ) पाठ्यक्रम के तहत ट्रेनिंग ले रहे हैं. इसी दौरान कुछ बदमाश वहां पहुंच गए और कार में बैठे इन सैन्य अधिकारीयों और उन की गर्लफ्रैंड्स को मारनापीटना शुरू कर दिया.
रोमांस में डूबे ये चारों माजरा ढंग से समझ पाते इस के पहले ही बदमाशों ने दोनों अफसरों को बंदूक की नोंक पर बंधक बना लिया. इन में से एक जो थोड़ी दूर पर था किसी तरह भाग निकलने में सफल हो गया. हालांकि लगता ऐसा है कि उसे अपनी गर्लफ्रैंड के साथ छोड़ दिया गया था और धौंस यह दी गई थी कि जब 10 लाख रुपए ले आओगे तभी इन्हें छोड़ा जाएगा. उस ने अपने सीनियर्स को इस वारदात की जानकारी दी. जब पुलिस को खबर दी गई तो वह मौका ए वारदात पर पहुंची लेकिन तब तक एक युवती का बलात्कार कर बदमाश फरार हो चुके थे. इन चारों को सुबह 6 बजे महू के सिविल अस्पताल में मैडिकल जांच के लिए ले जाया गया जिस में बलात्कार की पुष्टि हुई और चारों के शरीर पर चोटों के निशान पाए गए.
इंदौर से 50 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पोट अहिल्या गेट प्रेमियों का प्रिय मिलन स्थल है अहिल्या गेट के नजदीक बने मंदिर में काफी भीड़ भाड रहती है लेकिन दिन में रात में यह रमणीक जगह सुनसान हो जाती है. ये चारों प्रेमी सुनसान में मौजमस्ती के लिए गए थे लेकिन जिस मुसीबत में फंसे उसे जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे. इस हादसे से चोरीछिपे एकांत में मिलने जाने वाले प्रेमी जोड़ों को सबक लेना चाहिए कि यह बहुत बड़े खतरे और जोखिम वाली बात साबित हो सकती है.
यह मामला चूंकि सैन्य अधिकारीयों का था इसलिए भारीभरकम पुलिस अमला घटना स्थल पर पहुंचा लेकिन तब तक बदमाश बलात्कार कर फरार हो चुके थे. हालांकि पुलिस के मुताबिक सभी 6 बदमाशों की पहचान कर ली गई है और जंगलों में से इन में से 2 को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. बडगोंडा पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ बीएनएस की धाराओं 70 ( सामूहिक बलात्कार), 310 -2 (जबरिया वसूली) और 115 -2 (स्वेच्छा से चोट पहहुंचाना) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है.
आगे क्या होगा कहा नहीं जा सकता लेकिन पुलिस ने मामला दबाए रखने की पूरी कोशिश की. मीडिया को इस की खबर वारदात के कोई 24 घंटे बाद मिलना शक पैदा करने वाली बात है. देश में एक दिन में औसतन 86 बलात्कार होते हैं जिन में मध्य प्रदेश तीसरे नम्बर पर है. नैशनल क्राइम रिकौर्ड ब्यूरो के ताजे आंकड़ों के मुताबिक देश में हर घंटे में 3 महिलाएं बलात्कार का शिकार होती हैं. इस में भी दिलचस्प लेकिन चिंताजनक बात यह है कि 100 में से 27 बलात्कारियों को ही सजा हो पाती है बाकी 73 बाइज्जत बरी हो जाते हैं.
कोलकाता रेप कांड पर हल्ला मचाने वाले लोगों खासतौर से भाजपाइयों को यह जानकर शर्मिंदगी शायद ही हो कि बलात्कार के टौप 4 राज्यों में भाजपा का ही शासन है. राजस्थान में साल 2022 में बलात्कार के 5399 मामले दर्ज किए गए थे. दूसरे नम्बर पर योगी राज वाला उत्तर प्रदेश था जहां 3690 मामले बलात्कार के दर्ज हुए थे. तीसरे नम्बर पर रहे मध्य प्रदेश में 3029 और चौथे नम्बर पर महाराष्ट्र था जहां 2904 मामले बलात्कार के दर्ज हुए थे.
बलात्कार पर कितनी भी सख्त सजा बाले कानून बन जाएं रुक नहीं सकते लेकिन ऐसे बलात्कारों जो महू में हुए आ बैल मुझे मार वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए हैं. युवा जोड़े आधी रात को सुनसान में मौजमस्ती के लिए अगर जाएंगे तो ऐसे हादसे होना आसान हो जाता है. बदमाशों को वारदात को अंजाम देने में आदर्श माहौल मिल जाता है. ये सैन्य अधिकारी जो देश की रक्षा की ट्रेनिंग ले रहे थे खुद की हिफाजत नहीं कर पाए तो लगता है कि इन्हें सेना में रखने का कोई औचित्य है या नहीं.
कोलकाता रेप कांड सरीखा हल्ला महू के गैंग रेप पर मचेगा ऐसा लग नहीं रहा. क्योंकि हल्ला मचाने के विशेषज्ञ भाजपाई हैं जो अपने राज्य और मुख्यमंत्री को घेरने का नैतिक साहस क्यों दिखाएंगे. यानी पश्चिम बंगाल का बलात्कार जघन्य होता है और उत्तर प्रदेश राजस्थान सहित मध्य प्रदेश और उत्तराखंड के बलात्कार साफ्ट होते हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस विपक्ष की भूमिका में सिर्फ ट्वीट्स तक सिमटी नजर आ रही है. कभीकभार सड़कों पर प्रदर्शन कांग्रेसी कर दिया करते हैं. लेकिन महू रेप कांड पर राज्य सरकार को कांग्रेस घेर नहीं पाई तो यह अध्यक्ष जीतू पटवारी की नाकामी है जिन्होंने इस मामले की यह कहते निंदा कर अपनी जिम्मेदारी पूरी हुई मान ली कि मध्य प्रदेश में जंगल राज है.
लेकिन जनता कह देने भर से नहीं मान लेती पश्चिम बंगाल में भाजपा ने जो हल्ला मचाया उस से ममता बनर्जी जैसी सख्त सीएम के माथे पर भी पसीना आ गया था. फिर मोहन यादव तो एक तरह से अभी ट्रेनी सीएम ही हैं जिन के सामने कांग्रेस हथियार डालती नजर आ रही है. बलात्कारों पर राजनीति कोई नई बात नहीं है लेकिन यह भाजपा शासित राज्यों में नहीं होती.
इस पर विपक्ष गौर करे तो उसे समझ आएगा कि दरअसल में सत्ता रूढ़ दल की छवि कैसे बिगाड़ी जाती है. एसी दफ्तर में बैठ कर राजनीति करने का दौर अब जा चुका है. भाजपा की यह खूबी ही कही जाएगी कि उस का छोटे से छोटा कार्यकर्त्ता भी हर दम सक्रिय रहता है फिर चाहे वह मंगलवार और शनिवार को हनुमान मंदिरों में सुंदर कांड और भंडारा ही कराता क्यों न नजर आए. उलट इस के कांग्रेसी राहुल गांधी का मुंह ताकते रहते हैं कि वे कुछ बोले या करें तभी हम सक्रिय होंगे.