Electric Vehicle : देश में ईवाहनों की संख्या बढ़ रही है. इस के साथ दो तरह की दिक्कतें दिख रही हैं. वाहन चार्ज करते समय आग लगने का खतरा बढ़ रहा है. चार्जिंग स्टेशन संकरी गलियों में होने से तमाम परेशानियां बढ़ रही हैं.
देश भर में ईवी वाहनों की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है. ईवी यानि बैट्री से चलने वाले वाहन. जिन में स्कूटर, ईरिक्शा और कार प्रमुख है. इन को घरों में भी चार्ज किया जा सकता है. ज्यादातर लोग रात में वाहन को पार्किग में चार्ज होने के लिए छोड़ देते हैं. सुबह वाहन चार्ज हो कर चलने के लिए तैयार हो जाता है. अभी इन को चार्ज होने में 5-7 घंटे लगते हैं. ऐसे में रात में ही इस के चार्ज करने का रिवाज है. चोरीछिपे ईवी वाहन की चार्जिंग के लिए लोग प्वांइट बनाने लगे हैं. जिस से हादसों का खतरा बढ़ रहा है.
दुनिया के कई देशों में इलैक्ट्रिक कारों (ईवी) की बिक्री ने सामान्य कारों की बिक्री को पीछे छोड़ दिया है. भारत में भी ईवी वाहनों की बिक्री की रफ्तार बढ़ी है. 2024 में देश में कुल 19.5 लाख ईवी वाहनों की बिक्री हुई. जो कुल वाहनों की बिक्री का 3.6 प्रतिशत था. वहीं बिक्री में वृद्धि की दर 27 प्रतिशत है. कारों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी 7.4 प्रतिशत थी. अनुमान के मुताबिक 2030 तक देश में कुल वाहनों की बिक्री में ईवी की हिस्सेदारी बढ़ कर 30 से 35 प्रतिशत हो जाएगी.
ईवी को ले कर कार कंपनियों और ग्राहकों का उत्साह चार्जिंग स्टेशनों की कमी, चार्जिंग स्टेशनों की खराब सेवा की वजह से ठंडा पड़ा है. अभी 25-30 लाख रुपए की इलैक्ट्रिक कार खरीदने वाले ग्राहक भी अपनी कार को ले कर लंबी दूरी पर जाने से हिचकते हैं. फास्ट चार्जिंग करने वाले स्टेशन बहुत कम हैं. केंद्र सरकार की तरफ से ईवी पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत करने से बहुत सारे ग्राहक ऐसे हैं जो अपनी पहली कार ही ईवी ले रहे हैं.
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