ऐसा स्ट्रीट फूड जिस का नाम लेने भर से मुंह में पानी भर आए, वह है ठेले पर बिकने वाले रोल्स. मैदे के रोटी के बीच भरे लच्छेदार प्याज, हरा धनिया, हरी मिर्च, टोमेटो कैचप और हरी चटनी के बीच मटन या चिकेन के पीसेस जब मुंह में आते हैं तो उस के आगे बड़ेबड़े होटलों की शाही डिशेज भी फीकी मालूम पड़ती है.

दिल्ली के किसी मार्केट में चले जाइए, आप को एक दो ठेले रोल्स के तो मिल ही जाएंगे. मैट्रो स्टेशनों के नीचे तो इन की खूब बिक्री होती है. करोल बाग क्षेत्र में जहां आईएएस-आईपीएस बनाने के कोचिंग इंस्टीटूट्स की भरमार है, उन के नीचे रोल्स के ठेलों पर लम्बी लाइन लगी दिखती है. जिन पर पढ़ाकू बच्चों की ऐसी भीड़ टूटती है कि पूछो मत. सुबह से दोपहर तक एक सब्जैक्ट की कोचिंग की, बाहर निकले, रोल खाया और अगले सब्जैक्ट की कोचिंग के लिए फिर इंस्टीट्यूट में घुस गए. जो बच्चे अन्य शहरों से आ कर यहां कोचिंग कर रहे हैं वे रात को अपने पीजी में पहुंच कर खाना नहीं बनाते बल्कि ठेले से दो टेस्टी रोल बंधवा लेते हैं और वही खा कर पढ़ाई में लगे रहते हैं.

राजौरी गार्डन, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर, तिलक नगर की मार्केट में शौपिंग के लिए गए हों और भूख लगने पर रोल नहीं खाया तो शौपिंग अधूरी लगती है. ऐसा नहीं है कि स्ट्रीट फूड का यह जबरदस्त बिकने वाला आइटम सिर्फ नौनवेज खाने वालों के लिए ही है. यह तो वैजिटेरियन खाने वालों के लिए भी ऐसा उम्दा रोल्स बनाते हैं कि दिल करता है बनाने वाले के हाथ चूम लें.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...