भाषा अभिव्यक्ति का सरल और सुदृढ़ माध्यम है, जिस भाषा को हम अच्छी तरह जानते और समझते हैं अगर उस में अपने भाव अभिव्यक्त करें तो न केवल दूसरों तक सही बात पहुंचा पाएंगे बल्कि अपनी बात रखने में भी आसानी होगी बजाय अन्य किसी भाषा के. इसी तरह अगर हम किसी भी प्रकार की जानकारी या ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं तो उस के बारे में यदि हमें अपनी भाषा में किताबें, नोट्स और अन्य स्रोत से प्राप्त सामग्री मिले तो हम उस ज्ञान को ज्यादा बेहतर ढंग से ग्रहण कर उस का सही इस्तेमाल कर पाएंगे. हिंदी से सरल अन्य भाषा किसी भारतीय के लिए हो ही नहीं सकती, जिसे पूरे देश में हर कोई आसानी से समझ लेता है.

क्या हैं फायदे

दूसरों को समझाने में आसानी

कहा जाता है कि व्यक्ति जिस भाषा का ज्ञाता होता है उस भाषा में वह अपने विचारों का आदानप्रदान आसानी से कर सकता है और सामने वाले पर अपना अच्छा प्रभाव जमा सकता है. ऐसा ही कुछ स्नेहा के साथ हुआ. वह हर क्षेत्र में बहुत तेज थी सिवा अंगरेजी बोलने के, जिस कारण उसे खुद पर बहुत झुंझलाहट होती. एक बार उस के स्कूल में डिबेट कंपीटिशन था. सभी छात्र इंगलिश में स्पीच दे रहे थे. स्नेहा ने भी हिम्मत नहीं हारी. स्टेज पर चढ़ने से पहले ही उस ने दृढ़ निश्चय कर लिया कि आज वह हिंदी में ही अपना भाषण देगी. भले ही वह जीते या न जीते. उस ने शब्दों और भाषा पर अपनी मजबूत पकड़ की वजह से ऐसा भाषण दिया कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गए. वहां उपस्थित छात्रों के साथसाथ जूरी मैंबर्स भी खड़े हो कर तालियां बजाने पर मजबूर हो गए.

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