बिहार की रूबी राय के बाद लखनऊ का अनन्या वर्मा प्रकरण शिक्षा के बाजारीकरण पर नये सवाल उठा रहा है. जिससे साफ लगता है कि मुफ्त की पब्लिसिटी का रोग शिक्षा को बीमारू बना रहा है.
जिस कॉलेज के बच्चे सबसे ज्यादा टॉप करते है वहां प्रवेश के लिये सबसे लंबी लाइन लगती है. वह स्कूल मनमानी फीस वसूलने लगता है. इस तरह की सफलता से स्कूल को मुफ्त का प्रचार मिलता है. स्कूल नये-नये प्रयोग करते है.
बिहार में टॉप करने वाली रूबी राय के बाद उत्तर प्रदेश में 4 साल 7 माह की बच्ची अनन्या वर्मा का प्रकरण चर्चा में है. उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग और समाजसेवियों की दखल से पता चला कि अनन्या वर्मा को 4 साल 7 माह की उम्र में 9वीं कक्षा में प्रवेश देने का फैसला सही नहीं था.
उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब अनन्या का आईक्यू टेस्ट कराकर देखेगा कि वह किस कक्षा में प्रवेश के लायक है. यही नही कक्षा 9 में अनन्या के प्रवेश की अनुमति देने वाले लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक को भी नोटिस जारी कर 5 सितम्बर तक जवाब देने को कहा गया है.
अनन्या वर्मा लखनऊ के रहने वाले तेज प्रताप वर्मा की बेटी है. उसकी उम्र 4 साल 7 माह है. पिता तेज प्रताप के मुताबिक अनन्या एक बहुत प्रतिभाशाली बच्ची है. इस बात की जानकारी तेज प्रताप ने सेंट मीराज स्कूल को दी. स्कूल ने इस संबंध में लखनऊ के जिला विद्यालय निरीक्षक को जानकारी देते हुए अनन्या के 9 वी कक्षा में प्रवेश दिये जाने की अनुमति मांगी.