सवाल

मैं 36 वर्षीय विवाहिता हूं. हमदोनों पतिपत्नी की यह दूसरी शादी है. पहले पति से मेरी 1 बेटी मेरे साथ है. पति के 2 बच्चे हैं- 1 बेटी और 1 बेटा. दोनों बच्चे मेरी बेटी से बड़े हैं. पति ने विवाह पूर्व वादा किया  था कि मेरी बेटी को वे अपने बच्चों जैसा ही प्यार देंगे. वे अपने वादे पर अडिग भी हैं. मेरी बेटी को अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं, अपने बच्चों सा दुलार भी देते हैं, पर उन के बच्चे न तो मुझे मां का मान (दिल से) देते हैं और न ही मेरी बेटी से प्यार करते हैं. मेरी बेटी सहमीसहमी सी रहती है.

जवाब

आप के पति की सोच सही है. अभी आप लोगों को साथ रहते कम वक्त ही हुआ है. इस के अलावा लगता है शादी करने से पहले आप के पति ने अपने बच्चों को मानसिक स्तर पर तैयार नहीं किया. यदि विवाहपूर्व वे उन्हें विश्वास में लेते और बताते कि बच्चों की सही परवरिश  के लिए मातापिता दोनों का सहयोग जरूरी होता है. वे कई अवसरों पर अकेले इस जिम्मेदारी को नहीं निभा पाएंगे. इसीलिए उन के लिए नई मां ला रहे हैं जो उन्हें प्यारदुलार देगी, घरपरिवार में सहयोग देगी तो ज्यादा अच्छा रहता पर संभवतया उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसीलिए कठिनाई आ रही है.

अब भी स्थिति सामान्य हो सकती है बशर्ते आप धैर्य बनाए रखें. अपनी बच्ची के प्रति बच्चों की उपेक्षा को ज्यादा तूल न दें. देरसवेर वे सामान्य व्यवहार करने लगेंगे.

अपने दिमाग से यह विचार निकाल दें कि आप ने शादी कर के कोई गलती की है. बच्चे बड़े हो कर अपनीअपनी जिंदगी में मसरूफ हो जाएंगे तब आप को अकेलापन बांटने और दुखसुख में साथ देने के लिए किसी की अपेक्षा होगी. इसलिए आप ने जो कदम उठाया वह सही है.

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