सवाल
मैं 36 वर्षीया महिला हूं, मेरे पति 41 वर्ष के हैं. हम दोनों की 14 साल पहले अरेंज्ड मैरिज हुई थी. मैं उन से आज भी उतना ही प्रेम करती हूं जितना शादी के बाद करती थी, वे भी मुझे बहुत खुश रखते थे. हम साथ में घूमने जाते, पिक्चर देखते और ढेरों बातें किया करते. पर अब उन का व्यवहार बहुत उदासीन हो चुका है. हमारे 2 बच्चे हैं, मैं उन की देखभाल में दिन काट लेती हूं परंतु रात में मेरी इच्छा होती है कि मैं उन से अपने मन का हाल कहूं पर वे किसी तरह की रुचि नहीं दिखाते. कभीकभी तो मन होता है कि उन्हें तलाक दे कर कहीं दूर चली जाऊं, परंतु ऐसा करने की हिम्मत ही नहीं होती. बताएं मैं इस दुविधा से कैसे निकलूं.
जवाब
आप के कहे अनुसार आप की दुविधा की जड़ आप के पति की उदासीनता है. वे आप से बात नहीं करते, आप को समय नहीं देते आदि बातें आप के मन को छलनी कर रही हैं. परंतु क्या आप ने यह जानने का प्रयास किया कि आप के हमेशा चहकने वाले पति जीवन के इस दौर में उदासीन क्यों रहने लगे हैं. उन के 2 बच्चे हैं जिन की परवरिश, आप की इच्छाएं और घर का पूरा खर्च उन के सिर है. वे भी खुद को अकेला महसूस करते होंगे. इस उलझन में आप का उन्हें तलाक देने के बारे में सोचना पूर्णरूप से गलत है. उन्हें भी उन के मन की बात कहने दीजिए, न बताएं तो जबरदस्ती पूछिए. उन्हें थोड़ा रिझाने की कोशिश करें. बच्चों की देखरेख के साथसाथ मनोरंजन के लिए बाहर आइए-जाइए, किताबें पढि़ए किट्टी पार्टी जौइन कीजिए और रात को जब पति वापस आएं तो उन की दिनचर्र्या पूछिए. कोशिश कीजिए कि छुट्टी के दिन पूरा परिवार कहीं घूम आए. समय के साथ आप को थोड़ा तो समझौता करना होगा.