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सवाल -
मेरी शादी को कुछ ही साल हुए थे जब मेरी पत्नी अचानक चल बसी. मेरी एक बेटी है जिसे मैं ने अपनी पत्नी के जाने के बाद बहुत प्यार से पाला है. मैं ने उस की हर फरमाइश पूरी करने की कोशिश की है और उसे अपनी मां की कमी कभी महसूस नहीं होने दी. जैसेजैसे मेरी बेटी की उम्र बढ़ रही है, वैसेवैसे मेरी चिंता भी बढ़ती जा रही है. कभीकभी तो मैं पूरी रात बस यही सोचता रहता हूं कि मैं अपनी बेटी का अकेले कैसे खयाल रखूंगा क्योंकि मां अपनी बेटियों के साथ फ्रैंक होती हैं और बेटियां भी अपनी मां से हर तरह की बातें कर लेती हैं. तो ऐसे में मेरी बेटी मुझ से अपनी परेशानियों के बारे में कैसे बात कर पाएगी जोकि अब बङी हो चुकी है? मैं उसे पीरियड्स के बारे में भी कैसे बताऊं? आप ही कुछ सलाह दीजिए?
जवाब -
एक पिता अपनी बेटी से हर वह बात नहीं कर सकता जो उस की मां कर सकती है और बेटियां भी अपने पिता से ऐसी बातें करने में शरमाती हैं जो कि बिलकुल गलत नहीं है. हमारे देश में बेटियां बाप की इज्जत करना अच्छी तरह जानती हैं और शुरुआत से ही बेटियों के मन में पिता के लिए एक डर और शर्म होती है। उन्हें अपनी मां से बात करना ज्यादा पसंद होता है.
जैसाकि आप ने बताया कि आप की पत्नी का देहांत हो चुका है और काफी समय से आपने ही अपनी बेटी को मांबाप दोनों का प्यार दिया है तो ऐसे में यह जिम्मेदारी भी आप की ही बनती है कि आप अपनी बेटी को हर तरह की जानकारी दें जोकि उस के लिए जरूरी है. आप अपनी बेटी के पिता के साथसाथ एक अच्छे दोस्त बन कर रहें.