सवाल

बेटा मेरा मेरा बेटा 6ठी क्लास में पढ़ता है. जब परीक्षा देने के लिए घर से निकलता है तब भी तनाव में रहता है. हम उस पर पढ़ाई का ज्यादा प्रैशर नहीं डालते लेकिन थोड़ाबहुत तो बच्चे को कहना ही पड़ता है. इस के पापा कहते हैं कि हम नहीं सम?ाएंगे तो यह सम?ोगा कैसे. मु?ो अपने बेटे की बहुत फिक्र होती है. इकलौता बेटा है, सारा ध्यान इसी में लगा रहता है. क्या करूं जिस से यह तनाव से बाहर निकले?

जवाब

परीक्षा शब्द सुनते ही वैसे ही बच्चे तनाव में आ जाते हैं. फिर परीक्षा से पहले मातापिता की चेतावनी, नसीहत उन के डर और तनाव को और बढ़ा देती है. जबकि मातापिता भी नहीं चाहते कि उन का बच्चा हतोत्साहित हो लेकिन अकसर बच्चे के भले के लिए, उन्हें सम?ाने के चक्कर में मातापिता के मुंह से ऐसी बातें निकल जाती हैं जो उन के आत्मविश्वास, हौसले को कम क देती हैं.

सब से पहले तो परीक्षा के दिनों में घर का वातावरण खुशगवार बनाए रखना मातापिता की पहली जिम्मेदारी है, ताकि बच्चा पूरी तरह से अपना ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित कर पाए. परीक्षा के दिनों के दौरान उस से ये बातें बिलकुल न कहें, जैसे ‘पढ़ा हुआ सब याद है न, सोने के बाद भूल तो नहीं गए?’ ‘परीक्षा को गंभीरता से लिया करो.’ ‘ये क्लास बहुत महत्त्वपूर्ण है,’ ‘तुम्हारी पढ़ाई पर इतना पैसा खर्च कर रहे हैं’ आदि.

आप ने लिखा है कि परीक्षा देने जाते वक्त भी बच्चा तनाव में रहता है तो उसे प्यार से विदा करें. ‘मार्क्स की चिंता किए बगैर परीक्षा हौल में सिर्फ पेपर पर ध्यान देना.’ ‘खुद पर विश्वास रखो, तुम अच्छा कर सकते हो.’ ‘हम ने देखा है, तुम ने बहुत मेहनत की है, बिलकुल मत घबराओ.’ ‘चाहे जैसा भी परिणाम आए, हम हमेशा तुम्हारे साथ है और तुम्हें सम?ाते हैं.’ ‘आराम से परीक्षा देने जाओ, हम तुम्हें लेने समय पर आ जाएंगे.’

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