सवाल

मैं 38 वर्षीया हूं. मेरा 11 साल का बेटा 5वीं क्लास में पढ़ रहा है. उस का पढ़ाई में बिलकुल भी मन नहीं लगता. उस से पढ़ने को कहो तो आनाकानी करता है. जबरदस्ती करो तो ही थोड़ाबहुत पढ़ता है, उस के बाद बहाने बनाने लगता है. स्कूल की पेरैंट्स-टीचर मीटिंग में इस के चलते मु?ो सुनना पड़ता है. उसे जो भी सम?ाओ, कुछ देर बाद उस के दिमाग में रहता ही नहीं.

बारबार फोन की जिद करता है, कहता है कि वह इस से पढ़ाई करेगा. लेकिन थोड़ी देर बाद गेम खेलने लगता है. उसे रोको तो गुस्सा करता है. बहुत बार फोन में लौक लगा दिया पर वह पता नहीं कैसे उसे भी खोल लेता है. सम?ा नहीं आ रहा कैसे उसे समझाऊं. क्या करूं कि पढ़ाई में उस का मन लगे. आप ही कुछ बताएं.

जवाब

यह सिर्फ आप की दिक्कत नहीं, आजकल हर मांबाप की यही समस्या हो गई है. जब से कोरोना महामारी आई है, तब से पढ़ाई का रूप बदल गया है. पिछले 2 साल तो बच्चों को औनलाइन ही पढ़ाई करनी पड़ी. इस से पढ़ाई में तो रत्तीभर सुधार नहीं आया पर छोटेछोटे बच्चों के हाथों तक में स्मार्टफोन आ गया. अब बच्चों के हाथों में फोन तो आ गया पर इस की ऐसी लत लग गई कि इस ने उन की लाइफ को बहुत प्रभावित कर दिया है.

पढ़ाई के लिए स्कूल औनलाइन साधनों पर जोर दे रहे हैं, जैसे होमवर्क या असाइनमैंट प्रोजैक्ट देना हो तो उसे भी मोबाइल के माध्यम से लेते हैं. कोशिश करें कि स्कूल प्रशासन से इस बारे में बात करें और उन्हें सूचित करें कि स्कूल के कामों के चलते बच्चा फोन लेने के बहाने बनाता है, ताकि स्कूल इस के लिए बेहतर व्यवस्था कर सके. रही बात फोन की तो आजकल फिंगर लौक हर फोन में रहता है. पैटर्न लौक की जगह फिंगर लौक लगाइए.

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