सवाल

मेरे पति बिलकुल भी सोशल नहीं हैं. वे यह तो चाहते हैं कि मैं उन की तरफ के हर रिश्ते को निभाऊं, उन की मां की दिनरात सेवा करूं. लेकिन अब जब मेरी मां बीमार हुईं तो उन्होंने साफ कह दिया कि मुझे आएदिन तुम्हारा मायके जाना पसंद नहीं और अब तुम्हें उस घर के लिए चिंतित होने की ज्यादा जरूरत भी नहीं है. उन की इस बात ने मुझे अंदर तक तोड़ दिया है?

जवाब

शादी का यह मतलब नहीं कि मायके से बिलकुल ही ताल्लुक खत्म कर दिए जाएं, बल्कि यह है कि दोनों तरफ रिश्तों के बीच सामंजस्य बनाए रखना है.

आप को उन्हें यह बात समझानी होगी कि जैसे उन की मां है वैसे ही आप की भी मां है. ऐसे वक्त उन्हें भी अपनों की, अपनों के साथ की जरूरत है. और जब आप उन के परिवार की तनमन से सेवा कर रही हैं तो आप भी यही उम्मीद रखती हैं. अगर फिर भी वे आप को मना करें तो उन्हें बताएं कि ऐसी परिस्थिति में कोई अपनी मां को अकेले नहीं छोड़ सकता और मैं भी नहीं.

आप के इस फैसले से उन्हें समझ आ जाएगा कि उन की दादागीरी आप के सामने नहीं चल सकती. इस से आप को अपनी मां की सेवा करने का मौका मिल जाएगा.

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