सवाल
मैं 53 वर्षीय गृहिणी हूं. बच्चे बड़े हो चुके हैं. बेटी कालेज में पढ़ती है और बेटा जौब करता है. पति का अपना बिजनैस है. ससुरजी का देहांत 3 साल पहले हो गया था. तभी से सास पूरी तरह से बिस्तर से लग गईं. मेरे पति उन का पूरा ध्यान रखते हैं. वक्त पर उन्हें दवाई देते हैं. यहां तक कि यदि अगर अटेंडैंट नहीं आ पाती तो वे उन का डाइपर तक चेंज करते हैं. मु झ से यह काम नहीं होता. सास की तबीयत के कारण हम उन्हें घर में अकेला छोड़ कर कहीं नहीं जा सकते. मैं कई बार बहुत परेशान हो जाती हूं. घर को मैंटेन करने के कई काम पैंडिंग पड़े हैं जो उन के कारण हम नहीं करवा पा रहे हैं. कई बार तो मेरी हिम्मत जवाब दे देती है. इस कारण अब मैं मैंटल स्ट्रैस में आ गई हूं. क्या करूं, कुछ राय दें.
जवाब
हमें आप के साथ सहानुभूति है. देखिए, जिंदगी में कब किस के साथ क्या हो जाए, कहा नहीं जा सकता.बस, जरा एक बार सोच कर देखिए, यदि आप को कुछ हो जाए और आप बिस्तर पर आ जाएं और आप के बच्चे आप के बारे में वही सोचें जो आप इस समय अपनी सास के लिए सोच रही हैं तो आप को कैसा लगेगा.
बस, यही सोच कर अपने मन को सम झाइए. बच्चे वही सीखते हैं जो अपने मातापिता को करते देखते हैं. आप आज अपनी सास की देखभाल कर रही हैं तो कल आप के बच्चे आप की सेवा करेंगे. यही जीवन चक्र है. जहां तक आप परेशानी की बात कर रही हैं तो उन के लिए कोई फुलटाइम मेड रख लें. आप का काम आसान हो जाएगा. यदि आप को 4-5 घंटे के लिए परिवार के साथ कहीं जाना होगा तो वह भी हो जाएगा. किसी तरह से वक्त निकाल लीजिए. वैसे, आप के पति आप का पूरा हाथ बंटाते हैं. इस बात से आप को खुश होना चाहिए.