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सवाल -

एक किट्टी फ्रैंड मुझ से जलती है. हमारी सोसाइटी का एक किट्टी ग्रुप है. मैं 48 की हो गई हूं. शादी जल्दी हो गई थी, इसलिए बच्चे भी जल्दी हो गए. बड़े बेटे की शादी हो गई है. दादी बन चुकी हूं. लेकिन देखने में छोटी ही लगती हूं. देखने वाले मुझे एडमायर करते हैं. ग्रुप में एक लेडी ऐसी है जो पता नहीं क्यों मुझ से जलती है. मुझे ताने मारती है. जब सब मेरी सुंदरता, स्किल की तारीफ करते हैं तो उसे बिलकुल अच्छा नहीं लगता. मुझे वह अच्छी लगती है. मैं उस के मन से अपने प्रति जलन निकालना चाहती हूं. आखिर ऐसा क्या करूं कि सांप मर जाए और लाठी भी न टूटे. यानी कि उसे आईना भी दिखा दूं और मैं स्वयं भी ना दुखी होऊं?

जवाब - 

जब आप किसी को सुपीरियर देखते हैं तो मन में एक स्वाभाविक जिज्ञासा आती है कि आखिर वह हम से बेहतर कैसे? बस, यहीं एक पौजिटिव थिंकिंग वाला इस बात को तो एप्रीशिएट करता है, सामने वाले के हुनर या टैलेंट से सीखने की कोशिश करता है जबकि नैगेटिव थिंकिंग वाला इंसान दूसरे से ईर्ष्या, द्वेष की भावना रखने लगता है. इस किस्म के लोग वास्तव में बीमार मानसिकता के गुलाम होते हैं. उन्हें दूसरों की खूबसूरती, प्रतिभा, खुशी या सफलता रास नहीं आती. जब वे अपनी इस भावना पर अंकुश नहीं लगा पाते तब उन के मुंह से कटाक्ष निकाल जाते हैं जो सामने वाले को इनडायरैक्ट अपमानित करने के लिए होते हैं.

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