सवाल
मैं 28 साल की युवती हूं. मुझे पीरियड्स नहीं होते. पिछले दिनों डाक्टर की सलाह से मैं ने अपना पैल्विक अल्ट्रासाउंड कराया था. इस रिपोर्ट के अनुसार मेरे यूटरस का साइज 29 मिलीमीटर 18 मिलीमीटर 13 मिलीमीटर है. क्या मैं कभी प्रैगनैंट हो सकूंगी? मुझे क्या करना चाहिए? कृपया उचित सलाह दें.

जवाब
अच्छा होता कि आप हमें अपने अल्ट्रासाउंड की पूरी रिपोर्ट भेजतीं, जिस से यूटरस के साथसाथ ओवरीज के बारे में भी जानकारी मिल पाती. जहां तक यूटरस का सवाल है, उस के साइज से यह स्पष्ट है कि यूटरस छोटा है और उस का ठीक से विकास नहीं हो सका है. इसे हाइपोप्लास्टिक यूटरस का दरजा दिया जाता है. यह विकार कई कारणों से होता है, जिस की तह में जाने के लिए विस्तार से डाक्टरी छानबीन करना जरूरी होगा.

कुछ स्त्रियों में यूटरस शुरू से ही छोटा रह जाता है और यह स्थिति एक बड़े सिंड्रोम का हिस्सा होती है जिस में न सिर्फ यूटरस बल्कि वैजाइना का भी समुचित विकास नहीं होता.

कुछ स्त्रियों में यूटरस का छोटा होना उस बड़े क्रोमोजोमल विकार का अंग होता है, जिसे टर्नर सिंड्रोम का नाम दिया गया है और जिस में किसी बड़ी सुधार की गुंजाइश नहीं होती.

किसीकिसी बच्ची में यह यौनअंगीय विकास उस सूरत में भी आधाअधूरा रह जाता है जब बच्ची के गर्भ में होते हुए मां सिंथैटिक इस्टरोजेन यानी डाईइथाइलस्टील्बेस्ट्रो ले लेती है.

कई मामलों में समूची समस्या हारमोनल स्तर पर होती है. किशोर उम्र के समय जब शरीर प्यूबर्टि के साथ होने वाले हारमोनल परिवर्तनों के देखरेख में अपने को वयस्क उम्र के लिए तैयार करता है और अन्य सैक्सुअल गुणों के साथसाथ यौन अंग भी सयाने हो कर मातृत्व की जिम्मेदारी संभालने के लिए विकसित होते हैं, उस समय आंतरिक हारमोनल गड़बड़ होने से यूटरस का विकास बीच में ही आधाअधूरा रह जाता है. यह विकारमय स्थिति प्राय: पिट्यूटरी ग्लैंड में बनने वाले प्रोलैक्टिन हारमोन की अधिकता से उत्पन्न होती है.

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