लखनऊ में माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर के एफआई टावर पर बुलडोजर चल गया. सरकार का कहना है कि माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डरों की ओर से बनाया गया एफआई टावर पूर्ण रूप से अवैध बना है. इस का मानचित्र भी नहीं पास कराया गया था. अवैध तरह से अपार्टमैंट बनाए गए और लोगों की जान से खिलवाड़ किया गया. योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए.

यह कोई पहला मसला नहीं है. जब कोई निर्माण हो रहा होता है तब म्यूनिसिपल कौर्पोरेशन चुप रहता है. उसे इस बात का खयाल नहीं रहता कि क्या हो रहा है. अकबर नगर सहित कई कालेज और रैस्त्रां को इसलिए बुलडोजर चला कर तोडा गया क्योंकि वे सही तरह से नहीं बने थे. कोई भी निर्माण रातोंरात नहीं होता. बिना म्यूनिसिपल कौर्पोरेशन की मिलीभगत के भी नहीं होता है.

पहले ये चुप रहते हैं. अचानक एक दिन बुजडोजर ले कर गिराने आ जाते हैं. अवैध निर्माण को आतंक की तरह से देखा जा रहा है. उस का मुकाबला करने के लिए कहीं कोई सुनवाई और बहस नहीं होती है. एफआई टावर को ले कर कमिश्नर कोर्ट से हाईकोर्ट तक मसला पहुंचा लेकिन राहत नहीं मिली. इन अपार्टमैंट में रहने वालों की एक नहीं सुनी गई. एफआई टावर को गिराने का काम जारी है.

प्रौपर्टी टैक्स का आतंक

म्यूनिसिपल कौर्पोरेशन का सब से बड़ा आतंक प्रौपर्टी टैक्स है. यह हर जगह एकजैसा है. हरियाणा के पानीपत में म्यूनिसिपल कौर्पोरेशन ने प्लौट, मकान या संपत्ति संबंधी किसी भी रजिस्ट्री के लिए निगम से हाउस टैक्स क्लीयरेंस लेना अनिवार्य कर दिया है. पहले नगर निगम ने रजिस्ट्री के लिए एनओसी की अनिवार्यता पूरी तरह से खत्म कर दिया था. अब निगम ने पानीपत के तहसीलदार को लैटर लिख कर रजिस्ट्री के लिए हाउस या प्रौपर्टी टैक्स क्लीयरेंस अनिवार्य कर दिया है. हाउस टैक्स जमा करने की रसीद के बाद ही रजिस्ट्री होगी.

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