दलित एक्ट को लेकर देश भर की राजनीति गरम हो गई है. दलित एक्ट के विरोध में देश भर में सवर्ण समाज द्वारा आयोजित बंद में का मिलाजुला असर रहा. इसको देखते हुये राजनीतिक दलों में बेचैनी बढ़ गई है. एक्ट के विरोध में बंद का सबसे अधिक प्रभाव मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार में पडा. दलित एक्ट के विरोध में उत्तर प्रदेश में मायावती ने भाजपा ने जमकर हमला बोला.

बहुजन समाज पार्टी नेता और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केन्द्र सरकार के दलित एक्ट को नासमझी भरा फैसला बताया. केन्द्र सरकार पर हमलावर होते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव के समय भाजपा जातिवादी तनाव फैलाना चाहती है. यही वजह है कि दलित एक्ट के विरोध का असर भाजपा शासित वाले राज्यों में ज्यादा पड़ा. भाजपा सरकार की नीतियों ने जनता को परेशान कर दिया है. एससीएसटी एक्ट के साथ भाजपा ने खिलवाड़ किया. इसी तरह नोटबंदी और जीएसटी जैसी आर्थिक नीतियों से देश परेशान हुआ. यह काम आम जनता के हित में नहीं रहा. मायावती ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियां पूंजीपतियों के हित में है. दलित एक्ट का दुरूपयोग रोकने के लिये हमारी सरकार ने सही कदम उठाया था.

मायावती ने सर्वसमाज को भाजपा से सचेत रहने के लिये कहा. मायावती ने कहा कि भाजपा का जनाधार खिसक रहा है. जिसकी वजह से वह नये नये हथकंडे भाजपा प्रयोग कर रही है. इससे सभी को सावधान रहने की जरूरत है. भाजपा का जो दोगला चरित्र है वह सबके सामने उजागर हो गया है. मायावती ने कहा कि बसपा अकेली ऐसी पार्टी है जो सर्वसमाज का ध्यान रखती है. सर्व समाज के हित के लिये आर्थिक आधार पर आरक्षण दिये जाने की जरूरत है.

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