केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास बंधू अठावले का मानना है कि सपा-बसपा के मिलने से उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए गठबंधन को 50 के करीब सीटें ही मिलेगी. अगर बसपा नेता मायावती एनडीए में आ जाये, तो रामदास अठावले, राम विलास पासवान, मायावती और भाजपा मिल कर उत्तर प्रदेश की सभी सीटें जीत लेंगे. उत्तर प्रदेश के भाजपा नेता भले ही सपा-बसपा गठबधन के बाद भी उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सभी सीटे जीतने का दावा कर रहे हों, पर एनडीए के सहयोगी रिपब्लिकन पार्टी इंडिया यानि आरपीआई के नेता रामदास अठावले इससे सहमत नहीं है.

लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में आयोजित वार्ता में रामदास अठावले ने कहा कि ‘बसपा को समाजवादी पार्टी पहले भी धोखा दे रही थी आगे भी देगी. अगर सपा चाहती तो राज्यसभा चुनाव में बसपा एक सीट जीत लेती. सपा ने अपने प्रत्याशी को जितवाने के बाद बचे वोट बसपा के प्रत्याशी को दिये जिससे बसपा हार गई. अगर सपा को लगता था कि गोरखपुर और फूलपुर के लोकसभा चुनाव सपा बसपा के कारण जीती है तो सपा को राज्यसभा की कम से कम एक सीटे बसपा को जितवा देना चाहिये था. मायावती को यह समझना चाहिये. वह साथ आयेंगी तो हम, राम विलास पासवान और मायावती मिलकर दलितों के लिये ज्यादा अधिकार केन्द्र सरकार से मांग सकेंगे.’

रामदास अठावले बाराबंकी जिले में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे. लखनऊ में कुछ देर रुक कर वार्ता का आयोजन किया. डाक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम के संशोधन को सही ठहराते रामदास अठावले ने कहा कि डाक्टर अंबेडकर के सम्मान के लिये जरूरी है कि उनको नाम सम्मान से लिया जाये. बसपा को इसकी राजनीति नहीं करनी चाहिये. महाराष्ट्र अपने नाम के साथ पिता का नाम लगाना जरूरी माना जाता है. रामदास अठावले ने राजनीति में दलितों के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते कहा कि उसे एकजुट होने की जरूरत है.

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