Trending Debate : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पहले सुप्रीम कोर्ट के जज का नाम ले कर उन्हें गृहयुद्ध का जिम्मेदार ठहरा दिया और उस के बाद वे पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी पर पिल पड़े. कुरैशी को उन्होंने ''मुसलिम आयुक्त'' बता दिया. भले भाजपा ने इस बयान से पल्ला झाड़ा हो मगर भीतरखाने समर्थन करते दिखी.

कई बार ऐसे लोग सत्ता शीर्ष पर पहुंच जाते हैं, जो उस जगह के लायक नहीं होते. वे अपने पद की गरिमा और मर्यादा को भी नहीं समझते हैं. उन्हें क्या बोलना है, कितना बोलना है, कैसे बोलना है, इस का भी कोई भान उन्हें नहीं होता है. ऐसे लोग समझ ही नहीं पाते हैं कि वे वहां क्यों हैं और उन्हें क्या करना है. कई बार वे किसी अन्य के हाथ की कठपुतली बन कर ही काम करते हैं. क्योंकि समझ व ज्ञान के अभाव के बावजूद वे जिस पोजीशन में पहुंच गए हैं, वहां वे कुछ भी कर पाने में असमर्थ एवं अक्षम होते हैं.

हालांकि बौद्धिक वर्ग एवं मीडिया का यह दायित्व है कि वह ऐसे लोगों को मर्यादित रखने का कार्य करें और उन के गलत कृत्यों की खुल कर आलोचना करें, ताकि उन के कार्य और उन की जुबान काबू में रहे, मगर दुर्भाग्यवश आजकल मीडिया सरकार की जी हुजूरी में लगा है और बौद्धिक वर्ग इस डर से खामोश है कि कहीं कुछ बोलने पर उस के खिलाफ ईडी, सीबीआई या आयकर की कार्रवाई न शुरू हो जाए. कहीं उस के घर पर बुलडोजर न चढ़ जाय. कहीं उसे उठवा न लिया जाए. कहीं मरवा न दिया जाए.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...