प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग को नई पहचान दिलाई. पीएम मोदी ने योग को दुनिया भर में पहुंचाया, लेकिन इस योग दिवस में ही उनसे ऐसी भूल हो गई कि मामला कोर्ट तक जा पहुंचा है. मामला तिरंगे के अपमान से जुड़ा है. शिकायतकर्ता ने पीएम के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

दिल्ली की एक अदालत ने शिकायतकर्ता की बातों का संज्ञान लिया है. कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप पर संज्ञान लिया है. इस आरोप के मुताबिक पिछले साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अमेरिकी यात्रा के दौरान पीएम ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था. मामले का संज्ञान लेते हुए मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने सुनवाई के लिए 9 मई की तारीख तय की है. वहीं शिकायतकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट पुलिस को इस मामले में पीएम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे.

क्या है पूरा मामला?

शिकायतकर्ता आशीष शर्मा ने पीएम के खिलाफ तिरंगे के अपमान को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि अंतराष्ट्रीय योग दिवस के दौरान पीएम ने इंडिया गेट पर राष्ट्रीय झंडे का अंगोछे की तरह इस्तेमाल किया. पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को राष्ट्रीय झंडा देते वक्त उस पर दस्तखत किए. कोर्ट ने आशीष शर्मा को साक्ष्य जमा करने का आदेश दिया है.

फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के तहत क्या है नियम?

फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के तहत अगर कोई शख़्स झंडे को किसी के आगे झुका देता हो, उसे कपड़ा बना देता हो, मूर्ति में लपेट देता हो या फिर किसी मृत व्यक्ति (शहीद हुए जवानों के अलावा) के शव पर डालता हो, तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा. तिरंगे की यूनिफॉर्म बनाकर पहन लेना भी ग़लत है. अगर कोई शख़्स कमर के नीचे तिरंगा बनाकर कोई कपड़ा पहनता हो तो यह भी तिरंगे का अपमान है. प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर ऐक्ट-1971 की धारा-2 के मुताबिक, ध्वज और संविधान के अपमान करने वालों के खिलाफ सख्त क़ानून हैं.

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