केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि अमीरी और गरीबी के बीच की तेजी से बढ़ती खाई को सहकारिता के जरीए खत्म किया जा सकता है. सहकारिता संस्थाओं के जरीए किसानों को खेती के लिए कर्ज देने के अलावा खाद और बीज भी सस्ते दामों में मुहैया कराए जा सकते हैं. किसानों और गांवों की तरक्की में सहकारिता संस्थाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.

पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में बिहार राज्य सहकारिता विकास समन्वय समिति की ओर से राज्य स्तरीय सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में ‘बिहार के सर्वांगीण विकास एवं निर्माण में सहकारिता की भूमिका’ पर चर्चा की गई.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों की तरक्की के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को तालमेल बना कर काम करने की जरूरत है. बिहार सरकार को केंद्रीय योजनाओं का पूरा लाभ उठाना चाहिए और बाकी राज्यों की तरह किसानों को ब्याजमुक्त कर्ज मुहैया कराना चाहिए. केंद्र सरकार ने नाबार्ड के जरीए 265 करोड़ रुपए और कृषि एवं पशुधन के लिए 240 करोड़ रुपए दिए हैं.

चंपारण में राष्ट्रीय स्तर का सहकारी प्रबंधन संस्थान खोलने के लिए बिहार सरकार से जमीन मुहैया कराने की मांग की गई है. बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में जनता ने महागठबंधन को और केंद्र में भाजपा को जनादेश दिया है, इसलिए राजनीतिक खींचतान छोड़ कर दोनों को मिल कर जनता और किसानों की भलाई के लिए काम करना चाहिए. कुछ उलटी सोच वाले लोग बिहार को बदनाम कर रहे हैं.

राज्य के सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने पैक्स और किसानों की परेशानियों को दूर करने पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को बैद्यनाथ कमेटी की सिफारिशों के तहत बिहार सूबे को भरपूर माली मदद देनी चाहिए.             

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