भाजपा विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद अपने ही सहयोगी दल लोजपा की महिला विधान पार्षद से छेड़खानी के आरोप में फंस गए तो बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया. पिछले महीने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में सरकार बना कर गुब्बारे की तरह फूल चुकी भाजपा के उमंग पर उसके ही एक एमएलसी ने कालिख पोत डाला. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुटकी लेते हुए कहते हैं कि भाजपा नेता सुशील मोदी समेत सभी भाजपाई मामले पर परदा डालने की कोशिशों में लगे हुए हैं. इसके साथ ही तेजस्वी यह सवाल दागते हैं कि क्या विधान मंडल में भी एंटी रोमियो स्क्वाड तैनात करना जरूरी हो गया है?

29 मार्च को महिला विधान पार्षद नूतन सिंह ने भाजपा के विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद पर पर गलत तरीके से छूने और अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया. उसके बाद महिला पार्षद के पति और बीजेपी के विधायक नीरज कुमार बबलू (सुपौल विधान सभा सीट) ने लालबाबू पर अपना गुस्सा भी निकाला. विधान परिषद के कैंपस में ही बबलू ने लालबाबू को जोरदार तमाचा जड़ दिया. उसके बाद जब लालबाबू तैश में आए तो बबलू ने उनकी जम कर धुनाई कर डाली. उसके बाद ही बिहार के राजनीतिक गलियारों में महिला पार्षद से छेड़खानी के मामले ने इस कदर तूल पकड़ लिया कि विधान सभा और विधान परिषद में 2 दिनों तक हंगामा होता रहा और भाजपाई अपने नेता के काले करतूत पर परदा डालने की मुहिम में लगे रहे. लालबाबू को विधान पार्षद से निकालने की पुरजोर मांग उठने लगी.

इस मसले को लेकर 30 मार्च को विधान परिषद में जम कर हंगामा हुआ. महागठबंध में शामिल जदयू, राजद और कांग्रेस की मांग पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने लालबाबू के खिलाफ कड़ी कारवाई करने का भरोसा दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मसले को लेकर सभापति से बात की.

बिहार की मुख्यमंत्री रह चुकी राबड़ी देवी कहती हैं कि महिला सदस्य के साथ छेड़खानी करने वाले सदस्य पर ऐसी कारवाई होनी चाहिए कि देश भर में उसका संदेश जाए और दुबारा ऐसी शर्मनाक हरकत करने की कोई हिम्मत न कर सके. भाजपा के सदस्य अपने ही गठबंधन के साथियों के साथ छेड़खानी कर रहे हैं तो दूसरे दलों के सदस्यों के साथ वह क्या करते होंगे? विधान परिषद के सौ साल के इतिहास में इस तरह की पहली वारदात है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने बताया के पार्टी के सीनियर नेताओं की बैठक में लालबाबू के मामले पर फैसला लेने की बात कही और उसके बाद 31 मार्च को उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया. लालबाबू सफाई देते हुए कहते हैं कि उन्होंने किसी के साथ कोई गलत हरकत नहीं की है. वह पिछले 35 सालों से राजनीति में हैं और कभी भी किसी ने उनके ऊपर इस तरह का आरोप नहीं लगाया है. उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश रची गई है.

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने 30 मार्च को कहा कि छेड़खानी के मामले में दोनों पक्षों ने ऐसी किसी वारदात होने से इंकार किया है. मोदी ने दावा था कि उन्होंने दोनों पक्षों से बात की तो किसी ने छेड़खानी होने की बात ही नहीं की, वैसे विधान परिषद के सभापति को इस मामले की जांच का अधिकार है.

आखिरकार काफी छीछालेदर और हंगामे के बाद 31 मार्च की शाम को भाजपा ने लालबाबू को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से हटा दिया. वहीं विधान परिषद के सभापति ने खुद ही संज्ञान लेते हुए मामले को परिषद की आचार संहिता समिति को सौंप दिया है. लालबाबू को प्रदूषण और पर्यावरण कमिटी के अध्यक्ष पद से भी बर्खास्त कर दिया गया है.

विधान परिषद के मुलाजिमों ने बताया कि लालबाबू ने काली करतूत की और उसके बाद महिला एमएलसी के विधायक पति से पिटाई भी खाई और उसके बाद विधान परिषद में पहुंच कर ऐसे बैठे रहे जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो. विधायक नीरज ने उन्हें सबके सामने पीटा और परिषद के मुलाजिमों ने बीच-बचाव कर छुड़ाया था.

फिल्म और टेलीविजन देखने के शौकीन 54 साल के लालबाबू बिहार के बेतिया के रहने वाले हैं और 1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री बने थे. 1990 में भाजपा के टिकट पर वह चनपटिया से विधानसभा के उम्मीदवार बनाए गए, पर जीत नहीं सके. 2004 से पिछले 31 मार्च तक वह प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष रहे. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपाई इतने मवाली हैं कि सदन में भी महिला जनप्रतिनिधियों को छेड़ने से बाज नहीं आते.

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