असहिष्णुता, देशद्रोह और भारत माता पर हल्ले के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच एक नई खिचड़ी पक चुकी है कि भाजपा इस साल अंबेडकर जयंती राज्य में जिला स्तर तक धूमधाम से मनाए और अंबेडकर की जन्मस्थली इंदौर के नजदीक महू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विशालकाय सभा को संबोधित करें. दरअसल, सवर्णों को भाजपा का उमड़ रहा या दलितप्रेम रास नहीं आ रहा है. एक तरफ आरएसएस आरक्षण के मुद्दे पर पुनर्विचार की बात कर भाजपा की लुटिया डुबो देता है तो दूसरी तरफ मोदी और उन की टीम का कहना है कि आरक्षण ज्यों का त्यों रहेगा. इस समीकरण के 2 मतलब लोग निकाल रहे हैं, पहला यह कि यह संघ व मोदी की मिलीभगत है और दूसरा, अगर मिलीभगत नहीं है तो यह मोदी को डुबोने की चाल है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
 

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
 
सब्सक्राइब करें

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं

  • सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
  • देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
  • 7000 से ज्यादा कहानियां
  • समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
  • 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...