अगर किसी नेता को अपने काम की पहचान बताने के लिये अभिनेता पर निर्भर होना पड़े तो लोकतंत्र में राजनीतिक दलो पर प्रश्न चिन्ह लगना लाजमी है. केवल समाजवादी पार्टी की नहीं दूसरे दलो का भी यही हाल है. जिसके चलते राजनीति फैक्ट्री में तैयार प्रोडक्ट बन कर रह गई है. जिसे बेचने के लिये सैलेब्रेटी फेस की जरूरत आ गई है.

केन्द्र सरकार के स्वच्छता अभियान के बाद अभिनेत्री विद्या बालन अब समाजवादी पेंशन योजना का प्रचार भी करेंगी. जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी अपने कामों के प्रचार के लिये विद्या बालन के बाद माधुरी दीक्षित और नवाजुद्दीन सिद्दकी को भी ब्रांड एम्बेसडर बनाने की तैयारी में है.

सवाल उठता है कि जिस तरह से सौन्दर्य प्रसाधनों के सही असर के न पड़ने पर उसका प्रचार करने वालों पर कार्रवाई की बात अदालत ने कही और मैगी में खराबी पाये जाने पर उसका प्रचार करने वाले अभिनेताओं पर मुकदमें कायम हुए. क्या सरकार की योजना का सही लाभ लोगों तक न पहुंचने के मामले में योजना का प्रचार करने वाले ब्रांड को जिम्मेदार माना जायेगा?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम जिन महिलाओं को समाजवादी पेंशन दे रहे हैं उनको यह ही पता नहीं है कि उनको यह पेंशन कौन दे रहा है? कुछ जिलों में तो मैंने खुद महिलाओं से पूछा कि यह पेंशन कौन दे रहा है तो वह बता नहीं पाई.

अब विद्या बालन जी आ गई हैं तो यह महिलाओं को पता चल जायेगा कि यह पेंशन कौन दे रहा है? अखिलेश यादव यही नहीं रूके. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास भी संगठन है और प्रचार भी करते है लेकिन गांव की महिलायें हमसे ज्यादा विद्या बालन की बात सुनती हैं. उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी सरकार ने विद्या बालन को समाजवादी पेंशन योजना का ब्रांड एम्बेसडर बनाया है.

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