अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन डैमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने के बाद अब पूरी तरह चुनाव प्रचार अभियान में जुट गई हैं. दुनिया के सब से शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर सभी की निगाहें हैं जो हिलेरी रोढम क्लिंटन की उम्मीदवारी से कड़ा और दिलचस्प हो चला है. दिलचस्प इसलिए कि अमेरिकी लोकतंत्र में पहली बार किसी महिला को राष्ट्रपति पद के लिए टिकट मिला है. 227 साल के इतिहास में कोई महिला नेता हिलेरी क्लिंटन जितने मुकाम पर नहीं पहुंची. लेकिन इस का यह मतलब भी नहीं कि अमेरिकी मतदाता पहली बार किसी महिला को राष्ट्रपति बनाने को बहुत उतावला है. हिलेरी को अपने प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप से कड़ी टक्कर मिल रही है. 8 नवंबर को पता चलेगा कि हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बन पाईं या नहीं.

बिलाशक फैशनेबल हिलेरी क्लिंटन खूबसूरत और लोकप्रिय महिला हैं जिन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के मुकाबले राजनीति का खासा तजरबा है. पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की पत्नी होने के नाते वे 1999 से ले कर 2001 तक अमेरिका की प्रथम महिला होने का ताज पहने रहीं. न्यूयार्क से सीनेटर हिलेरी अमेरिका की विदेश मंत्री हैं. साल 2008 में भी हिलेरी डैमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की तगड़ी दावेदार थीं लेकिन रहस्यमय और हैरतअंगेज तरीके से उन्होंने मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा के समर्थन में अपना नाम, नाटकीय अंदाज से ही सही, वापस ले लिया था, यानी हालात देख झुकना उन्हें आता है. अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव किसी ग्रैंड स्लैम टूर्नामैंट के फाइनल मैच सरीखा होता है जिस में दावे से कोई नहीं कह सकता कि फलां खिलाड़ी ही जीतेगा या जीत रहा है. लंबी पर दिलचस्प चुनावी प्रक्रिया से गुजर रहा अमेरिका का व्हाइट हाउस नए राष्ट्रपति का इंतजार कर रहा है. बराक ओबामा की विदाई पार्टियां शुरू हो गई हैं जिन के साथ ही अमेरिकी राजनीति का एक महत्त्वपूर्ण अध्याय खत्म हो जाएगा. अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बराक ओबामा जिन कई वजहों से याद किए जाएंगे उन में से एक भारत के प्रति उन का झुकाव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनौपचारिक दोस्ती भी रहेगी.

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