रूस-यूक्रेन युद्ध का एक महीना पूरा हो चुका है. बीते एक महीने में यूक्रेन में हजारों नागरिक, सैनिक और मासूम बच्चे रूसी बम धमाकों में मारे जा चुके हैं और यह सिलसिला लगातार जारी है. युद्ध में रूस के सैनिक भी बड़ी संख्या में हताहत हो रहे हैं मगर रूस दुनिया के तमाम देशों द्वारा बनाए जा रहे दबावों के बावजूद लड़ाई रोकने को तैयार नहीं दिख रहा, उलटे उस ने परमाणु हमले की धमकी भी 2 बार दे डाली है.

इस को ले कर दुनियाभर में हड़कंप की स्थिति है जिस के चलते नाटो को ब्रसेल्स में आपातकालीन बैठक बुलानी पड़ गई. उस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी उपस्थित रहे. बैठक के बाद रूस पर 65 नए प्रतिबंध और लगा दिए गए हैं. बावजूद इस के, यूक्रेन पर रूसी हमले बदस्तूर जारी हैं.

रूस किसी भी तरह यूक्रेन को नेस्तनाबूद करने के लिए उतावला है. वह नरसंहार पर उतारू है. उस के सैनिक हैवानियत की सारी हदें पार कर नन्हेनन्हे यूक्रेनी बच्चों पर भी गोलियां दाग रहे हैं रूस इस लड़ाई को अब धर्मयुद्ध का नाम दे रहा है. रूस के रूढि़वादी चर्च ने यूक्रेन पर रूसी हमले और नरसंहार की व्याख्या ‘पवित्र युद्ध’ के रूप में की है. यह समस्त मानव जाति के लिए खतरनाक बात है जहां चर्च एक आतंकवादी की भूमिका निभा रहा है.

सत्ता और धर्मगुरुओं का अपवित्र गठबंधन, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर थोपे गए युद्ध और लाखों मासूमों की मौत को सही ठहराने में मदद कर रहा है, आने वाले वक्त में दुनिया के अन्य देशों, जहां सत्ता धर्म के ठेकेदारों द्वारा संचालित होती है, द्वारा उदाहरण के तौर पर लिया जाएगा और निर्दोष लोगों की हत्या को ‘पवित्र हत्या’ या ‘ईश्वर की मंशा’ के रूप में प्रचारित किया जाने लगेगा.

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