राजधानी लखनऊ सहित तमाम बड़े शहरों में इंटरनेट के जरिये एस्कोर्ट सर्विस का धंधा जम कर चल रहा है. एक तरफ योगी सरकार धार्मिक पर्यटन को खूब बढ़ावा दे रही है और इस के लिए अनेक शहरों के सौंदर्यीकरण पर पानी की तरह अरबों रुपए बहाए जा रहे हैं, मगर इसी के समानांतर पूरे प्रदेश में सैक्स के लिए औरतों को बेचनेखरीदने का धंधा भी चरम पर है. पर्यटकों से ले कर तमाम बेरोजगार युवा इस अपराध के दलदल में उतर चुके हैं. वे इंटरनेट के जरिये जिस्म के सौदागरों के संपर्क में हैं. ये दलाल वाट्सएप कौल आते ही इन्हें लड़कियों के फोटो और रेट उपलब्ध करा देते हैं.
View this post on Instagram
हैरानी की बात है योगी सरकार की पुलिस को भनक तक नहीं लगती जबकि तमाम नामचीन होटलों, रेस्टोरेंट, बार, स्पा पार्लर, ब्यूटी पार्लर और ओयो होटलों में जिस्म का धंधा जोरों से चल रहा है. सोशल साइट्स पर एक दर्जन से भी ज्यादा वेबसाइट सक्रिय हैं. हैरत की बात है कि साइबर अपराध और अपराधियों पर नियंत्रण करने का दावा करने वाली साइबर क्राइम सेल पुलिस मामले के संज्ञान से कोसों दूर है.
लड़कियों की खरीदफरोख्त सिर्फ उत्तर प्रदेश में नहीं हो रही, बल्कि भाजपा के राज में यह धंधा पूरे देश में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. हजारों लड़कियां नेपाल से ला कर बेची जा रही हैं. बिहार, झारखंड की लड़कियों का अपहरण कर उन्हें इस धंधे में जबरन उतरने के लिए मजबूर किया जा रहा है. देह की दलाली और बलात्कार की घटनाओं में भाजपा के नेता भी शामिल हैं. 23 अगस्त 2024, हिंदुस्तान अखबार की खबर – ‘भाजपा नेता के बारात घर में किशोरी से रेप’.
मामला आगरा शहर का है. ताल फिरोज खां (सदर) में 21 अगस्त की रात भाजपा के पूर्व महामंत्री प्रेमचंद कुशवाह के बारात घर में एक दलित किशोरी के साथ गैंगरेप हुआ. नाबालिग बच्ची को जिंदा दफनाने की तैयारी थी. लेकिन समय रहते कुछ लोगों के पहुंच जाने पर उस की जान बच गई. खबर एक अखबार के भीतरी पन्नों में सिमट कर रह गई. भाजपा नेता का ड्राइवर और उस का भतीजा इस कांड में शामिल हैं. घटना के बाद सदर थाने में 3 घंटे हंगामा चला. मगर पुलिस की हिम्मत नहीं पड़ी कि प्रेमचंद कुशवाह की गर्दन पकड़ सके या उस के भतीजे की. सिर्फ ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर पोक्सो के तहत जेल भेजा गया.
बच्ची के घरवालों का कहना है कि उन की बेटी पास की दुकान से सामान लेने गई थी. जब वह काफी देर तक नहीं लौटी तो परिजन उस को ढूंढने निकले. एक व्यक्ति ने बताया कि उस ने बच्ची को प्रेमचंद कुशवाह के माधव मैरिज होम के पास देखा था. जब बच्ची के परिजन मैरिज होम के अंदर देखने के लिए जाने लगे तो प्रेमचंद और उस के भतीजे ने उन्हें अंदर नहीं आने दिया. तब वे पीछे की दीवार फांद कर अंदर घुसे तो देखा बच्ची वहां बदहवास हालत में पड़ी है. पास ही एक गहरा गड्ढा खुदा हुआ था, जिस में उस को दफनाने की तैयारी थी.
थाने पर रिपोर्ट दर्ज करने में हीलाहवाली हुई. बच्ची का मैडिकल कराने के लिए पुलिस तैयार नहीं थी. काफी होहल्ले के बाद दूसरे दिन पुलिस ने मेडिकल कराया और केस दर्ज किया मगर सिर्फ ड्राइवर के खिलाफ. ये है योगी की पुलिस और योगी सरकार के अपराध मुक्त प्रदेश का खोखला दावा.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस घटना पर कहा, “यूपी में महिला सुरक्षा का हाल बेहाल है. आगरा में दुष्कर्म की घटना अति निन्दनीय है. सरकार दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे.” मगर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो सिर्फ खबरों में चमकने के लिए, खुद को सब से बेस्ट मुख्यमंत्री साबित करने के लिए महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी बड़ीबड़ी बातें करते हैं. मंचों से अपराधियों को ललकारते हैं. कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हैं, पुलिस अधिकारियों को टाइट करते हुए कहते हैं – महिला संबंधी अपराधों पर शतप्रतिशत लगाएं अंकुश, मगर उन की पुलिस संगीन से संगीन मामले की एफआईआर दर्ज करने में भी हीलाहवाली करती है.
भाजपा सरकार धर्म का कितना भी पाठ पढ़ाए, मंदिरों में घंटेघडियाल बजवाए, मगर वह यह नहीं समझ रही कि इस से इंसान का नैतिक विकास नहीं हो सकता. जब तक कानून का डंडा मजबूत न हो और पुलिस अपराधियों पर सख्त न हो, अपराध नहीं रुकेंगे. दूसरा इस देश में बेरोजगार नकारा लोगों का जमावड़ा नितप्रति बढ़ता जा रहा है. खाली दिमाग शैतान का घर, यूं ही नहीं कही गई है. ऊर्जा से भरे युवा की शक्ति को यदि काम में नहीं लगाया जाएगा, उस को रोजगार से नहीं जोड़ा जाएगा तो वह अपनी ऊर्जा गलत जगहों पर ही निकालेगा. इसका उदाहरण हाल ही में लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में ताज होटल के पास देख चुके हैं जब भारी बारिश से जलमग्न सड़कों पर युवा भीड़ लगा कर पानी में एक युवती को चलती बाइक से नीचे खींच कर उस के साथ गलत हरकतें करते कैमरे में कैद हुए थे.
इंसान के नैतिक पतन की पराकाष्ठा यह है कि नोएडा में एक पुरुष पोस्टमार्टम हाउस में लाशों के बीच महिला से जबरन सैक्स संबंध बनाने की कोशिश करता पकड़ा गया. लोगों का कहना है कि मोर्चरी में तो महिला लाशों के साथ भी हैवानियत का गंदा खेल खेला जाता है और उन को रोकने वाले आंखों पर पट्टी चढ़ाए बैठे रहते हैं.
23 अगस्त 2024 को पायनियर की खबर है – ‘लाशों के बीच महिला से अश्लीलता’. इस का एक वीडियो सामने आने के बाद यह खुलासा हुआ कि नोएडा सैक्टर – 94 में पोस्टमार्टम हाउस में रखे शवों के बीच एक युवक एक महिला के साथ अश्लील हरकत कर रहा है. युवक वहां का सफाई कर्मी है. इस मामले में नोएडा थाना सैक्टर – 126 में जब सीएमओ सुनील कुमार शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज करवाई गई तो पुलिस ने शिकायत को अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज किया.
महिलाओं की सुरक्षा को ले कर अति चिंतित नजर आने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं, ‘महिलाओं से तय समय से ज्यादा औफिस में काम नहीं लिया जाएगा और उत्तर प्रदेश की पुलिस रात ज्यादा होने पर महिलाओं को उन के घर तक छोड़ के आएगी.’ परंतु जहां महिलाओं के साथ होने वाले बर्बर अपराधों पर भी पुलिस केस दर्ज नहीं करना चाहती, आरोपी की पूरी पहचान होने के बाद भी केस किसी अज्ञात व्यक्ति के नाम पर दर्ज करती है, ऐसी पुलिस से महिलाओं की सेफ्टी की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
योगी आदित्यनाथ द्वारा बारबार अपराधों के संबंध में और खासतौर पर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों के संबंध में समीक्षा बैठकें करना और अधिकारियों की क्लास लगाना यह इंगित करता है भले गोदी मीडिया के जरिये प्रदेश को अपराध मुक्त घोषित करने की कोशिशें हो रही हों, मगर सत्यता यह है कि प्रदेश में अपराध का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर महिलाएं न तो घर में सुरक्षित हैं, न सड़क पर न दफ्तरों में या अन्य जगहों पर.
भाजपा सरकार में पितृसत्तात्मक सोच का विकास हुआ है. महिलाओं को फिर पैर की जूती समझा जाने लगा है. उन की जान की कोई कीमत नहीं है. उन्हें कहीं भी मार डाला जाए, उन का बलात्कार हो जाए, सामूहिक बलात्कार हो जाए, दहेज के नाम पर जला दी जाए, लड़की पैदा करने का दोष मढ़ कर कत्ल कर दी जाए, मगर इन बर्बर कृत्यों पर योगी की पुलिस कोई सख्त एक्शन नहीं लेती, उलटे हर मामले को हलके में ले कर रफादफा करने में लग जाती है, ताकि प्रदेश को अपराधमुक्त घोषित करने के सरकार के दावे को पुख्ता किया जा सके.
सिर्फ एक दिन के अखबार को पढ़ लीजिए, महिलाओं के साथ बर्बरता की आठ से दस खबरें मिल जाएंगी. 23 अगस्त 2024 की एक खबर पर और नजर डालिए. यह पुरुष की बर्बरता का खौफनाक उदाहरण है. गाजियाबाद में मसूरी क्षेत्र के मदरसा रोड पर एक आदमी अपनी पत्नी के मुंह पर तकिया रख कर तब तक बैठा रहा जब तक उस की मौत नहीं हो गई. शाहनवाज नाम के इस दरिंदे की शादी 2016 में रुखसार से हुई थी और उस के दो बच्चे हुए. इस में पहली बेटी अलीशा उम्र 7 साल और बेटा उजैर उम्र 5 साल का है. बच्चों के सामने इस दरिंदे ने अपनी पत्नी को शक के कारण मौत के घाट उतार दिया और उस की लाश दफनाने के दो दिन बाद उस के मायके वालों को खबर की.
5 साल के बच्चे उजैर ने अपनी मां की हत्या पिता द्वारा किए जाने का सच अपने मामा को बताया, तब सारा खुलासा हुआ. रुखसार अपने भाइयों की इकलौती बहन थी, जिसे शाहनवाज आएदिन पीटा करता था और अंततः उस ने उसे खत्म ही कर दिया. इस मामले में पुलिस ने शाहनवाज के खिलाफ हत्या का मामला तो दर्ज कर लिया मगर लाश को कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम कराने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रही है.
लखनऊ में ठाकुरगंज स्थित एक निजी मैडिकल कालेज में नर्सिंग की छात्रा से पार्किंग में एक शोहदे ने छेड़छाड़ की. छात्रा ने विरोध किया तो शोहदे ने उस को बालों से पकड़ कर उठा कर जमीन पर पटक दिया और जबरन उस के साथ गलत हरकत करने लगा. यह छात्रा पार्किंग से अपनी स्कूटी निकाल रही थी जब उस के ऊपर यह बर्बर अटैक हुआ. लड़की ने शोर मचाया तब कुछ लोगों के पहुंचने पर शोहदा उसे छोड़ कर भागा. पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया जबकि कई जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. आरोपी की पहचान आसानी से हो सकती थी. पर इतनी कवायद योगी की पुलिस क्यों करेगी जबकि ऊपर से आदेश है कि प्रदेश में क्राइम का ग्राफ नीचे रखना है.
इसी दिन चिनहट में एक महिला सिपाही से एक रिटायर सैन्य कर्मी ने अश्लील हरकत की और उस पर शादी करने का दबाव बनाया. इस रिटायर सैन्य कर्मी ने करीब 12 नम्बरों का इस्तेमाल कर के महिला सिपाही को मैसेज भेजे. पुलिस बताए कि उस के पास 12 सिम कहां से आए?
इसी दिन आशियाना क्षेत्र की मार्किट में एक नैशनल ला यूनिवर्सिटी की छात्रा से एक शोहदे ने छेड़छाड़ की जब वह मार्केट से कुछ खरीदारी कर रही थे. शोहदा काले रंग की बाइक पर उस का पीछा कर रहा था. विरोध करने पर उस ने लड़की को भद्दी गालियां दीं और निकल भागा. अगर यह लड़की मार्किट में न हो कर किसी सुनसान सड़क पर होती तो न जाने उस के साथ क्या घटना घट जाती.
लखनऊ सिविल कोर्ट की तीसरी मंजिल से एक महिला अधिवक्ता ने फेसबुक लाइव कर के छलांग लगा दी और मर गई. फेसबुक लाइव कर के उस ने कहा था, “मेरे जिंदा रहते किसी ने बात नहीं सुनी. अब मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार ससुराल में करा देना.”
32 साल की अधिवक्ता माया रावत की शादी इटौंजा में रहने वाले सतीश से हुई थी. 10 साल से दोनों के बीच मुकदमा चल रहा है. मगर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था. माया रावत बीमार भी थी. मानसिक और शारीरिक समस्याओं ने उसे घेर लिया था. उस के इलाज में छोटे भाई ने डेढ़ लाख रुपया खर्च कर दिया था. मगर माया इस बात से ज्यादा व्यथित थी कि 10 साल से वह अदालत के चक्कर काट रही है मगर इंसाफ नहीं मिल रहा है. पुलिस, अदालत, सरकार सब को माया कटघरे में खड़ा कर गई.
लखनऊ पीजीआई थाना क्षेत्र में वृन्दावन योजना सैक्टर 7 में रहने वाले विशाल गौतम को घर लौटने पर उस की पत्नी प्रियंका फंदे पर झूलती मिली. दरअसल विशाल के मातापिता और बहन चाहते थे कि विशाल और उस की पत्नी प्रियंका वह घर खाली कर दें. सास शीला देवी आएदिन बहु प्रियंका से झगड़ा करती थी. विशाल का कहना है कि उस दिन उन्होंने अपने जमाई प्रताप सिंह वर्मा को फ़ोन करके घर बुलाया जिस ने उस की पत्नी के साथ मारपीट की और फिर पूरे परिवार ने उस की ह्त्या कर उस का शव फंदे पर लटका कर उसे फांसी का रूप देने की कोशिश की. विशाल को शक तब हुआ जब उसने पत्नी के गले में कसा हुआ दुपट्टा देखा जो कि उस की बहन सविता का था. आखिर प्रियंका सविता के दुपट्टे से क्यों फांसी लगाती? खैर मामला दर्ज हो चुका है मगर गिरफ्तारी किसी की नहीं हुई है.
कोलकाता में एक ट्रेनी डाक्टर की दुर्दांत ह्त्या के बाद पूरे देश में डाक्टरों की हड़ताल और इस मामले को सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वतः संज्ञान लेने और सुनवाई शुरू करने की बड़ीबड़ी खबरों के बीच देश भर में औरतों के साथ होने वाली भयावह घटनाओं की कहीं कोई चर्चा नहीं होती. जिन ख़बरों की चर्चा ऊपर हुई वह मात्र एक दिन की और एक शहर की खबरें हैं. देश भर में प्रतिदिन हजारों महिलाओं के साथ दुष्कर्म हो रहे हैं और खबरें अखबारों के किसी कोने में दब कर रह जाती हैं. कुछ दिन बाद पुलिस आरोपी से पैसे खा कर मामला रफा दफा कर देती है.
प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार यानी हर घंटे 4 और हर 15 मिनट पर देश में एक बलात्कार की घटना घट रही हैं. कितनों में कार्रवाई होती हैं? कितने आरोपियों को सजा हो पाती है? शायद पांच परसेंट को भी नहीं. जबतक देश में महिलाओं के साथ होने वाली आपराधिक घटनाओं से निपटने के लिए मजबूत क़ानून नहीं होगा, कानून का पालन कराने वाले मजबूत इच्छाशक्ति वाले पुलिसकर्मी नहीं होंगे, सरकार की नीयत महिलाओं को इन्साफ दिलाने की नहीं होगी, तब तक भाजपा महिलाओं की हितैषी होने का कितना ही ढोल पीटे, सच इस का बिलकुल उलट ही होगा.