बसपा के नाम से बने ट्विटर अकाउंट से जारी किए गए एक पोस्‍टर में अखिलेश यादव और मायावती को एक साथ दिखाया गया था. विपक्षी एकजुटता को दिखाने की कवायद के तहत इस पोस्‍टर को जारी किया गया था. दरअसल 27 अगस्‍त को लालू यादव की पार्टी राजद की पटना में रैली होने जा रही है. उसी कड़ी में विपक्षी एकजुटता को दिखाते हुए यह पोस्‍टर जारी किया गया था. उसको तेजस्‍वी यादव जैसे राजद नेताओं ने रिट्वीट भी किया था. अब इस पोस्‍टर को बसपा ने फर्जी करार दिया है.

बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आधिकारिक बयान जारी कर इस पोस्टर को फर्जी बताया है. इसके साथ ही मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि बीएसपी का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है. सतीश चंद मिश्रा ने बयान जारी कर कहा, 'बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है. बीएसपी के ट्विटर हैंडल के नाम से पोस्टर जारी करने का प्रश्न ही नहीं उठता है.' इस पोस्‍टर में राजद नेताओं लालू प्रसाद यादव और तेजस्‍वी यादव, नीतीश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद बगावती तेवर अपनाने वाले शरद यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की तस्‍वीरें हैं.

शरद यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर दी है. जदयू ने धमकी दी है कि यदि वह लालू प्रसाद की रैली में शिरकत करेंगे तो उनको पार्टी से भी निकाला जा सकता है. जदयू पहले ही उनको राज्‍यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा चुका है. नीतीश ने सीधा हमला बोलते हुए कहा भी है कि यदि आपमें हिम्‍मत है तो पार्टी को तोड़ दीजिए और यदि राजद की रैली में शामिल होते हैं तो अपनी राज्‍यसभा सीट खोने के लिए भी तैयार रहिए.

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