चुनावी मौसम में राफेल का भूत मोदी-सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. आए-दिन कोई न कोई खुलासा मीडिया की सुर्खियों में आ ही जाता है और प्रधानमंत्री मोदी सहित उनके कैबिनेट के वरिष्ठ मंत्रियों के पैरों तले धरती डगमगाने लगती है. राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लोकसभा चुनाव-2019 जीतने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही भाजपा अब राफेल पर कोई बात नहीं करना चाह रही है. न नरेंद्र मोदी और न ही भाजपा कोई नेता चुनाव प्रचार के दौरान मंच से दिये भाषण में राफेल का जिक्र कर रहा है, सब इस पर मिट्टी डालना चाहते हैं, मगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल को जिन्दा रखना चाहते हैं, उसकी हकीकत हर हाल में सामने लाना चाहते हैं. हालांकि इस चक्कर में वह कभी-कभी ये भूल जाते हैं कि इस मामले में मंच से बोलने की सीमा क्या होनी चाहिए और यही वजह है कि हाल ही में वह ऐसी बात बोल गये, जिससे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की तलवार उनकी गर्दन पर आन पड़ी है.

खैर, राफेल डील में घोटाले की बू तो शुरू से आ रही थी, मगर अब जबकि फ्रांसीसी मीडिया भी इसकी जांच को लेकर मुखर हो रहा है, कयास लग रहे हैं कि मोदी के साथ-साथ अनिल अंबानी फ्रांस के राष्ट्रपति के लिए भी मुश्किलें खड़ी कर देंगे. फ्रांसीसी अखबार ‘ला मांद’ ने राफेल पर जो खबर छापी है, उससे फ्रांस की राजनीति में भूचाल आने की पूरी सम्भावना नजर आ रही है, वहीं आम चुनाव के वक्त भारत में इस मुद्दे का इस तरह तूल पकड़ना मोदी सरकार के पांव तले जमीन हिला रहा है. राफेल विवाद में नया मोड़ उस वक्त आया जब 13 अप्रैल को फ्रांसीसी अखबार ‘ला मांद’ ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए खुलासा किया कि राफेल सौदे से पहले फ्रांस में मौजूद अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस अटलांटिक फ्लैग फ्रांस को वर्ष 2015 में 143.7 मिलियन यूरो यानी 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा पहुंचाया गया है. यह फायदा अंबानी को टैक्स में छूट देकर पहुंचाया गया. अखबार ने लिखा कि अनिल अंबानी को टैक्स में यह जबरदस्त छूट भारत के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा राफेल सौदे के तहत 36 लड़ाकू विमानों को हरी झंडी दिये जाने के छह महीने बाद दी गयी. गौरतलब है कि अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस कंपनी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा घोषित फ्रांस के साथ भारत के राफेल जेट सौदे में एक औफसेट साझेदार है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...