बाबा राम रहीम के साथ भाजपा नेताओं के फोटो वायरल होने के बाद केन्द्र की मोदी सरकार दबाव में आ चुकी है. बाबा राम रहीम के खिलाफ साध्वी से रेप के मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा दोषी माने जाने के बाद बाबा के समर्थकों ने पंजाब, दिल्ली, हरियाणा में सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. 30 लोगों की मौत और 250 से ज्यादा लोगों के घायल होने से देशभर में सरकार की आलोचना शुरू हो चुकी है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ सोशल मीडिया पर फोटो वायरल हो गये. इसमें बाबा और भाजपा के नेताओं को साथ देखा जा रहा है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी इसमें प्रमुख हैं. ऐसे में यह साफ हो गया कि हरियाणा की सरकार ने जानबूझ कर बाबा के समर्थकों को ठीक से रोका नहीं जिससे हालात बेकाबू हो गये और सेना को बुलाना पडा.
बाबा समर्थकों ने केवल हरियाणा में ही नहीं दिल्ली और पजांब में जिस तरह से तोड़फोड़ आगजनी और हिंसक घटनायें की, उस से केन्द्र सरकार दबाव में आ गई है. भाजपा के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा कि वह घटना पर किस तरह की प्रतिक्रिया दें. हरियाणा के मुख्यमंत्री केवल शांति व्यवस्था बनाये रखने की ही अपील कर सके. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुःख और निंदा की. भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने बाबा का पक्ष लेते हुये कहा कि ‘राम रहीम पर सिर्फ एक महिला ने आरोप लगाया है, जबकि लाखों करोड़ों लोग उनके साथ खड़े हैं’. सोशल मीडिया पर साक्षी के बयान की निंदा के बाद भाजपा अब डैमेज कंट्रोल के प्रयास में लग गई है.
जिस तरह से लगातार हो रही रेल दुर्घटनाओं के बाद केन्द्र सरकार ने रेलवे के अफसरों को जिम्मेदार मानते हुये उनके खिलाफ कड़े कदम उठाये ठीक उसी तरह से केन्द्र सरकार के निर्देश पर हरियाणा के डीजीपी और होम सेक्रेटरी जैसे प्रमुख अफसरों पर कारवाई हो सकती है. केन्द्र सरकार के सामने दोतरफा मजबूरी है. एक तरफ अदालत है जो बार बार हरियाणा सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर रही है. दूसरी तरफ केन्द्र सरकार की अपनी छवि खराब हो रही है.
बाबा राम रहीम के साथ भाजपा नेताओं के फोटो वायरल होने के बाद अब यह साफ हो गया है कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों में बाबा की मदद ली थी, जिसके बदले उनको बहुत सारी सुविधायें दी गई. केन्द्र की सरकार ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी बदलने का मन बना चुकी है. देर सबेर मनोहर लाल खट्टर को भी वहां से हटाया जा सकता है. केन्द्र सरकार ने जिस तरह से कानून व्यवस्था को संभालने के लिये सेना का उपयोग किया उससे हरियाणा सरकार के खिलाफ उसकी नाराजगी साफ दिखती है.
हरियाणा सरकार की सबसे बड़ी कमी यह है कि वह प्रदर्शन के दौरान भीड़ को संभालने में एक के बाद एक 3 बार फेल हो चुकी है. बाबा राम रहीम प्रकरण के पहले जाट आंदोलन और बाबा रामपाल के मसले पर सरकार की पोल पहले खुल चुकी है. केन्द्र सरकार भाजपा शासित राज्यों में कानून व्यवस्था के मजबूत होने का ढिंढोरा पीटती है उसकी अब पोल खुल रही है. अपनी छवि बचाने के लिये केन्द्र सरकार हरियाणा में बड़ा प्रशासिनक और राजनीतिक उलटफेर करने का ब्लू प्रिंट तैयार कर रही है. इसके तहत पहले अफसर आर बाद में नेता बदले जायेंगे.