भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश में 2 सहयोगी दल भाजपा की कार्यशैली से बेहद नाराज हैं. इनमें एक उत्तर प्रदेश में मंत्री सहयोगी ओमप्रकाश राजभर हैं तो दूसरी और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल अंदर से खफा हैं.
पूर्वांचल के जिलों में इन दोनों ही दलों की ताकत का लाभ भजपा ने उठाया पर उनको कभी पूरा हक नही दिया. भाजपा के लिए पूर्वांचल इस लिए और भी खास है क्योकि यहां से ही पीएम नरेंद्र मोदी चुनाव लड़ते हैं. वाराणसी से चुनाव लड़ने के बाद भी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का अलग से कोई विकास नही हुआ.
राजभर बिरादरी में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए पीएम मोदी महाराजा सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी कर हजारों करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं. भजपा को लगता है कि महाराजा सुहेलदेव पर टिकट जारी कर वो पिछड़े वर्ग के दर्द पर मरहम लगा सकेगी. पिछड़े वर्ग के राजभर वोटों पर ओमप्रकाश राजभर की पार्टी की पकड़ मजबूत है.
भाजपा पूर्वांचल में अपने दोनो सहयोगी दलों अपना दल ( एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को एकजुट नही रख पा रही है. ऐसे में पार्टी की लोकसभा चुनाव में मुश्किलें बढ़ सकती है।
अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज (सुभासपा) पार्टी भी भाजपा के खिलाफ हमलावर हैं. इसकी एक वजह यह भी है कि लोकसभा चुनावों में दोनो ही दल सीटों पर ज्यादा दावेदारी पेश कर रहे हैं.
दोनो ही दलों की भाजपा से नाराजगी की अलग वजहें भी है इनके अनुसार अपना दल (एस) के 9 विधायक हैं और 2 सांसद हैं.