अब बिहार में खाना पर भी पाबंदी लग गई है. ‘पीना’ तो पहले ही बंद कर दिया गया था, अब खाना भी बंद. बिहार सरकार ने नया फरमान जारी किया है कि सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे के बीच खाना नहीं बनेगा. जो इस फरमान का उल्लंघन करेगा, उसे 2 साल के कैद की सजा मिलेगी. आप सोच रहे होंगे कि यह क्या हो रहा है बिहार में? ‘पीना’ याने शराब पर रोक तो ठीक है, पर खाने पर पाबंदी क्यों?
यह कोई अंधेरगर्दी नहीं है, बल्कि बिहार के गांव-गिरांव में अगलगी की वारदातों के तेजी से बढ़ने की वजह से खाना बनाने पर रोक लगा दी गई है. सुबह 9 बजे से पहले ही खाना बना लेना है और रात का भोजन शाम 6 बजे के बाद ही बनाना है. गरमी के मौसम में दोपहर के समय तेज धूप की वजह से सारी झोपडि़यां मानो बारूद बन जाती है. छोटी सी चिंगारी पूरे इलाके में तबाही मचा देती है.
आपदा प्रबंध्न विभाग के प्रधन सचिव व्यास जी ने बताया कि अगलगी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी किया गया है. अगलगी की घटनाओं से जान, माल, पफसल और घरों का बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. सुबह 9 बजे के बाद से ही गरम तेज हवाआं के चलने से चूल्हों से निकली चिंगारियां से गांव के गांव खाक हो रहे हैं. इसलिए सुबह 9 बजे से पहले और शाम में 6 बजे के बाद खाना बनाने को कहा गया है. इसके साथ ही गेहूं की कटनी के बाद उसके डंठल को नहीं जलाने की भी हिदायत दी गई है. इस आदेश को नहीं मानने वालों पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंध्न अधिनियम 2005 की धरा-51; के तहत कानूननी काररवाई की जाएगी. उसके तहत 2 साल की कैद या जुर्माने की सजा है.