तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा जनकल्याण के लिए  कराए जा रहे महायज्ञ में आग लगने से यज्ञ की पाखंड की पोल खुल गई. 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री के मेढक जिले के इरावेल्ली स्थित फार्म हाउस में 7 करोड़ रुपए की लागत से विशाल, भव्य पंडाल तैयार किया गया था. मुख्यमंत्री द्वारा व्यापक प्रबंध किए गए थे. शांति, समृद्घि के लिए चल रहे यज्ञ में महान विद्वान पंडितों को आमंत्रित किया गया था.

इस महायज्ञ के लिए 5 राज्यों से 2 हजार विद्वान पंडित बुलाए गए थे. इन में मंत्रों से बारिश करवा देने का दावा करने वाले महापंडित विराजमान थे. हवन स्थल पर 108 हवन कुंड बनाए गए. 23 से 27 दिंसबर तक चलने वाले महायज्ञ में देश के बड़ेबड़े लोगों को आमंत्रित किया गया था. के चंद्रशेखर राव ने यज्ञ के पुण्य का फायदा कमाने के लिए करीब 4 हजार मेहमानों को न्यौता दिया था. इन में राजनीतिबाज, उद्योगपति, फिल्म इंडस्ट्री की सिलेब्रिटी समेत राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भी आमंत्रित किया गया था. तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र के राज्यपाल, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडु, केंद्र और राज्य के मंत्री, सांसद, सुप्रीम कोर्ट के दो जज शामिल थे.

120 करोड़ के फार्म हाउस में 5 दिवसीय ‘आयुथा चंडी महायज्ञम’ में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव स्वयं यजमान के रूप में उपस्थित थे. पहले दिन मुख्यमंत्री की पत्नी व परिवार से सदस्य, तेलंगाना के राज्यपाल, मंत्रिमंडल के सदस्य मौजूद थे. मुख्यमंत्री खुद पंडितों के साथ यज्ञ के वेश में थे. यज्ञ शुरू होने से पहले उन्होंने पंडितों के साथ परिवार सहित चंडी माता से विघ्न बाधाएं टालने की प्रार्थना की.

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