बड़े शहरों की ही तरह से अब छोटे शहरो की लाइपफ स्टाइल भी बदल रही है. युवाओं में ही नहीं शादीशुदा महिलाओं और पुरूषों में भी अपनी ब्यूटी और स्टाइल को लेकर क्रेज बड रहा है. 40 प्लस की महिलाओं में अपनी ब्यूटी और हेल्थ को लेकर क्रेज बढ रहा है. यही वजह है कि अब स्पा और बौडी पौलिशिंग का सबसे अध्कि प्रयोग वह कर रही है. महिलाओं में हो रहे ब्यूटी प्रेजेंटस इसको और भी अधिक क्रेजी बनाते जा रहे है. स्पा और बौडी पौलिशिंग सेंटर भी तमाम तरह के पैकेज लेकर आ रहे है. जिसकी वजह से स्पा और बौडी पौलिंशग सेंटर तेजी से बढते जा रहे हैं.

आज काम के घंटे लगातार बढ रहे है. इससे पूरे शरीर के साथ मांइड को भी रिलैक्स की जरूरत होती है. बडी बडी कंपनियों के लोग जब काम करके थक जाते हैं तो स्पा ट्रीटमेंट के जरीये वह अपने आपको दोबारा रिचार्ज कर लेते हैं. इसी लिये लगभग सभी बडे होटलों में स्पा की व्यवस्था होती है. स्पा में अलग अलग तरह के ट्रीटमेंट होते है जिनके जरीये कुछ बीमारियों का इलाज भी किया जाता है. होटलों के अलावा अब वेलनेंस सेंटर, जिम, पिफटनेस सेंटर और ब्यूटी सैलून में भी स्पा ट्रीटमेंट की सुविधयें दी जाने लगी है. लखनउ में ‘एस्थेवा ब्यटी एंड हेल्थ क्रियेटर’ की डायरेक्टर अपर्णा मिश्रा कहती है ‘स्पा में सिर से पांव तक का ट्रीटमेंट किया जाता है. इसकी शुरूआत हेड से करते है. सिर पर तेल डालकर मसाज करते हुये रिलैक्स कराने की कोशिश की जाती है. मसाज के लिये एंटी आक्सीडेंट तेल का प्रयोग किया जाता है. इसके बाद बौडी स्पा किया जाता है. यह अलग अलग तरह से होता है. इसका मकसद बौडी को रिपफ्रेश करना होता है’.

बौडी स्पा तरह तरह के

बौडी स्पा अलग अलग तरह से होता है. स्पा करने के लिये सबसे पहले बाॅडी को क्लीन किया जाता है. इसके बाद स्क्रबर लगाकर स्किन को रगडा जाता है. जिससे शरीर के उफपर की मरी हुई त्वचा हटाया जा सके. इसके बाद बौडी पैक लगाकर मसाज किया जाता है. मसाज करने के लिये अपवर्ड स्ट्रोक, जिक जैक मसाज और सरकुलर मसाज का सहारा लिया जाता है. स्पा ट्रीटमेंट शरीर के अलग अलग हिस्सो का अलग अलग भी होता है. स्पा का समय लगभग आध घंटा से 40 मिनट का होता है. इसके बाद बौडी को स्टीम बाथ दिया जाता है. अगर स्टीम बाथ कह सुविध नही है तो टौवल का गर्म करके उससे ही काम चलाया जा सकता है. स्पा अलग अलग तरह का होता है. सबसे ज्यादा अरोम स्पा प्रचलित है. इसके अलावा स्टोन थेरपी, हाइड्रा स्पा, मडपैक थैरेपी और समुद्री नमक स्पा भी होते है. स्पा थेरेपी के दौरान शरीर के एक्यूप्रेशर पर दबाव डालकर बौडी को रिलैक्स करने की कोशिश की जाती है. हाइड्रा स्पा में बाथटब में पानी के प्रेशर का प्रयोग किया जाता है. इसी तरह समुद्री नमक स्पा में समुद्र से निकाले गये नमक जिसका नमक चमक भी कहते से शरीर की मालिश की जाती है. इसी तरह कई तरह का मडपैक बीमारियों को दूर रखने में सहायक होता है. जिन लोगों को इस तरह की बीमारियां होती है वह मैडपैक स्पा के जरीये अपना ट्रीटमेंट कराते है. स्पा ट्रीटमेंट कराते समय यह जरूर देखना चाहिये कि यह किसी अच्छी जगह और जानकार हाथों के जरीये ही कराया जाये. नही तो कई बार यह कई बीमारियां भी ले आता है. अच्छी जगह पर ही यह सुविधयें लेनी चाहिये. तभी यह हेल्दी रहती है बौडी.

पौलिशिंग सुंदरता में लाये निखार

वंशिका को मौडलिंग का शौक था. वह जब भी रैम्प शो करने या मौडलिंग के लिये पोज देने के लिये जाती तो दूसरी मौडलों को देखकर लगता जैसे कि उसकी बौडी में चमक नही है. कई बार मेकअप मैन उससे कहता भी था कि आप अपनी बौडी की चमक को बढ़ाने के लिये कुछ कीजिये. वंशिका को समझ नही आ रहा था कि वह क्या करें? उसने अपनी साथी लता से इस बारे में बात की. लता उसको लेकर ब्यूटी क्लीनिक गयी. यहां पर वह खुद सप्ताह में एक बार बौडी पौलिशिंग कराने के लिये आती थी. लता ने उस दिन वंशिका की बौडी पौलिशिंग करायी. ब्यूटी पार्लर से निकल कर जब वंशिका ने अपने को देखा तो उसको यकीन ही नही हुआ कि यह उसकी त्वचा है. लता ने समझाया ‘वंशिका हम अपनी बौडी से पूरे दिन काम लेते है. इससे इसकी चमक खो जाती है. इस पर तमाम तरह का मेकअप होता है उसका असर भी होता है.

त्वचा के रोमछिद्र भर जाते है शरीर में कई तरह के जहरीले पदार्थ भी जमा हो जाते है. जो स्किन की उफपरी त्वचा को डेड कर देते है. बौडी पालिंशिग के जरीये इसको हटाकर स्किन को टोनअप किया जाता है’ . वंशिका को यह बात समझ आ गयी उसने भी तय कर लिया कि हर सप्ताह वह अपनी बौडी पौलिशिंग करायेगी. ‘एस्थेवा ब्यटी एंड हेल्थ क्रियेटर’ की डायरेक्टर अपर्णा मिश्रा कहती है ‘आज के समय में काम करने के तौर तरीके बदल गये है. इसका प्रभाव व्यक्ति की पूरी बौडी पर पडता है. खासतौर पर इससे स्किन बहुत प्रभावित होती है. स्किन की नेचुरल नमी और चमक खो जाती है. बौडी पालिंशिग मसाज के द्वारा इसको दोबारा पाया जा सकता है. साधरण तौर पर बौडी पौलिशिंग माह में एक बार करानी चाहिये.

अगर आप पफैशन जगत से जुडे है जहां पर बौडी स्किन पर ज्यादा प्रभाव पडता है. इस हालत में सप्ताह में एक बार बौडी पौलिशिंग जरूर करानी चाहिये. ब्राइडल मेकअप के दौरान भी बौडी पौलिशिंग करानी चाहिये. इससे पूरे शरीर की सुंदरता में और भी ज्यादा निखार आता है.

बौडी पौलिशिंग

बौडी पौलिशिंग स्किन को टोनअप करने के लिये कि जाती है. इसके लिये सबसे पहले बौडी को पूरी तरह से क्लीन किया जाता है. अगर कही पर बाल है तो वैक्स किया जाता है. इसके बाद क्लिजंर लगाकर बौडी को कुछ देर के लिये छोड देते है. लगभग 20 मिनट के बाद बौडी पर अच्छी किस्म का स्क्रबर उसकी मरी हुई त्वचा का निकाल दिया जाता है. जब बौडी की यह मरी हुई त्वचा निकल जाती है तो बौडी क्रीम लगाकर मसाज किया जाता है. मसाज के लिये कभी कभी मसाजर का प्रयोग भी किया जाता है.

इसके अलावा रोलर मसाज और ओजोन मसाज भी दिया जाता है. मसाज के बाद बौडी के हिसाब से चुना हुआ पैक लगायाल जाता है. 20 मिनट के बाद स्टीमबाथ देकर बौडी पर माश्चराइजर लगाया जाता है. बौडी का वह हिस्सा जो खुले में रहता है जहां पर धूप का ज्यादा असर होता है उसको साफ करने के लिये कई बार इस काम को करना होता है.

बौडी पौलिशिंग कभी बडे शहरों में ही रहने वालो का शौक माना जाता था. अब ऐसा नही है. लखनउ जैसे बदल रहे शहरों भी लोग धडल्ले से बौडी पौलिशिंग कराने लगे है. अपर्णा मिश्रा कहती है कि 25 साल से 45 साल के बीच वाली उम्र की महिलाएं यहां पर ज्यादा आती है. उनको लगता है कि पार्टी और दूसरी जगहो में जाने पर उनकी स्किन सबसे चमकदार और टोनअप दिखें. यह लोग बौडी पौलिशिंग कराने के बाद बहुत ही खुश होकर जाते है. जब से प्राइवेट कंपनियों ने अपने यहां लोगो को नौकरी देना शुरू किया है. एक कारपोरेट कल्चर आया है बौडी पौलिशिंग जरूरत बन गयी है. इससे कई बार स्किन संबंधी कई तरह की बीमारियां भी दूर हो जाती है.

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