उत्सव की रौनक हो या रिश्तेदारों के साथ खुशनुमा वक्त बिताने का मौका, बच्चों का होमवर्क कराना हो या प्यारी मौम का फर्ज निभाना, नई तकनीक का यह नया दौर हर पल को खास बनाता है.

एक तरफ जहां स्मार्ट फोन के जरीए आप खूबसूरत तसवीरें खींच कर कभी भी, कहीं भी सोशल साइट्स पर अपलोड कर सकती हैं, तो वहीं प्रिंटर्स की मदद से सजावट के लिए रंगबिरंगी कलरफुल डिजाइनों की कौपियां निकाल कर अपनी कला को अंजाम दे सकती हैं.

गृहिणियों के लिए कितनी कारगर

औफिस हो या घर, तकनीक हर क्षेत्र में महिलाओं के लिए सुविधाएं ले कर आई है. बस जरूरत है इसे समझने और प्रयोग में लाने की. टैक्नोलौजी के मामले में देखा जाए तो यह समय इस का सुनहरा समय ही कहा जाएगा.

ये भी पढ़ें- मदर्स डे स्पेशल : ममता पर कुरबान करियर

ऐनर्जी सप्लायर ऐंड पावर द्वारा कुछ समय पहले यूके की 577 वयस्क महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन के मुताबिक महिलाएं औसतन 1 सप्ताह में 18.2 घंटे घर के कामों में बिताती पाई गईं और इन कामों में क्लीनिंग, वैक्यूमिंग, शौपिंग और कुकिंग वगैरह शामिल है जबकि करीब 5 दशक पहले यही प्रतिशत 44 घंटे प्रति सप्ताह था.

ये भी पढ़ें-मदर्स डे स्पेशल: पापा प्लीज मम्मी से न झगड़ो

घरेलू कामों में लगने वाले समय में लगातार कमी की मुख्य वजह नई तकनीकों का प्रयोग है.

एक समय था जब महिलाओं का सारा समय खाना बनाने, बच्चे पालने और घरेलू कामों को निबटाने में बीतता था. मगर आज वक्त बदल चुका है. नई तकनीक की मदद से घरेलू महिलाएं भी फटाफट काम खत्म कर अपने बचे समय का सदुपयोग कर रही हैं. आज खाना बनाने के लिए इलैक्ट्रौनिक और दूसरे कई तरह के गैजेट्स आ गए हैं, जिन से वक्त की बचत की जा सकती है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...