रिमझिम बरसता सावन, ठंडी ठंडी हवाएं, पिया से मिलने की तमन्ना और सारे फिर सारे रोमांस का मज़ा किरकिरा करता ये गालों का पिम्पल और ऑयली स्किन, जो थोड़ी ही देर में सारे मेकअप का सत्यानाश कर देती है. बरसात के दिनों में उमस ज़्यादा होने से पसीना ज़्यादा आता है, त्वचा हर वक़्त गीली गीली सी महसूस होती है. लगता है जैसे तेल या ऑयली क्रीम लगाईं हो. ये ऑयली स्किन जहाँ चेहरे पर मेकअप को टिकने नहीं देती, वहीँ पिम्पल और दाने भी उत्पन्न करती है. पाउडर और फाउंडेशन पसीने और आयल के साथ मिल कर रोमछिद्र बंद कर देता है जिससे पिम्पल की समस्या बरसात में पैदा हो जाती है. बारिश के मौसम में कुछ लड़कियों की स्किन तो बहुत अधिक खराब हो जाती है. बारिश में वातावरण में मौजूद नमी और उमस के कारण स्किन में पसीने की एक लेयर बन जाती है जिसकी वजह से स्किन बहुत अधिक चिपचिपी हो जाती है और बार बार धोने पर भी फ्रेश फील नहीं होता है.

बारिश के मौसम में पिम्पल की समस्या युवाओं में सबसे ज़्यादा होती है. जिस जगह स्किन ज़्यादा ऑयली रहती है, वहां दाने निकल आते हैं. किसी के नाक के ऊपर पिंपल्स हो जाते हैं तो किसी के पूरे चेहरे पर पिंपल्स हो जाते हैं. बारिश के पानी के कारण कई लड़कियों को इस मौसम में स्किन रैशेज की समस्या भी हो जाती है. ये भी ऑयली स्किन की समस्या के कारण होता है. कभी कभी तो ये पिम्पल गर्दन और छाती पर भी होने लगते हैं. मानसून का हमारे बालों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. बारिश का पानी में मौजूद प्रदूषित कण, पसीना और आयल मिल कर बालों को उलझा देते हैं. उन्हें बेजान और कमजोर बनाते हैं.

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ऐसे में हमें सावन आने से पहले ही अपनी स्किन की देखभाल शुरू कर देनी चाहिए ताकि बरसात में भी त्वचा खिली खिली और खूबसूरत नज़र आये और पिम्पल की समस्या भी ना हो. जिन लोगों की त्वचा पहले ही ड्राई रहती है उनको बारिश बहुत परेशान नहीं करती, मगर ऑयली स्किन वालों को थोड़ा ज़्यादा देखभाल की ज़रूरत पड़ती है.

ऑयली स्किन वालों को चाहिए कि हमेशा चेहरे को गुनगुने पानी और मेडिकेटेड साबुन से धोएं. दिन में तीन से चार बार चेहरा साफ़ करें. ध्यान रहे चेहरा हलके हाथों से धोएं, ना कि रगड़ें. चेहरे को क्लीन करने के लिए हमेशा ऐसे फेसवॉश या साबुन का प्रयोग करें जिसमें कैमिकल्स का इस्तेमाल कम किया गया हो. ऑयली स्किन पर कभी भी मार्केट में मिलने वाले फेस मास्क का इस्तेमाल न करें. स्किन पर होममेड मास्क का इस्तेमाल करें.

सबसे सरल और इफेक्टिव होममेड मास्क ओटमील से तैयार किया जा सकता है. इसको बनाने के लिए चार छोटे चम्मच ओटमील में गुलाबजल मिलाकर चेहरे और गर्दन पर लगाएं. आधे घंटे के बाद चेहरे को साफ़ पानी से धो कर इस मास्क को हटा दें. हटाते वक़्त हलके हाथों से गोलाई में मलते हुए मास्क को हटाएँ. सप्ताह में दो बार इस मास्क का इस्तेमाल करने से ऑयली स्किन पर होने वाले पिम्पल्स और अतिरिक्त चिकनाई की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा.

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इसके अलावा बेसन भी ऑयली स्किन के लिए बहुत अच्छा रहता है. इससे बना मास्क भी स्किन की समस्याओं से छुटकारा दिलाता है और बारिश में भी स्किन पर ग्लो पैदा करता है.बेसन एक आम सी घरेलू साम्रगी है जो स्‍किन के लिए बेहद गुणकारी मानी जाती है. इससे तैयार फेस पैक को नियमित चेहरे पर लगाने से आपको 15 मिनट में ही असर दिखाई देगा. इसके लिए 1 चम्मच एलोवेरा जेल, 2 चम्मच बेसन,  ½ टी-स्‍पून नींबू के रस ले कर मिला लें. अब इस पेस्‍ट को अपने चेहरे और गर्दन पर लगाएं और इसे लगभग 15 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर इसे ठंडे पानी से धो लें. आखिर में चेहरे पर थोड़ा सा मॉइस्चराइजर लगाएं, जिससे स्‍किन बहुत ज़्यादा ड्राई ना हो.

 

चेहरे पर बेसन लगाने का फायदा

बेसन का उपयोग घरेलू उपचार के रूप में किया जा रहा है. यह मुंहासे को दूर कर के चेहरे का रंग निखारता है. इसे चेहरे पर लगाने से स्‍किन पर जमा अतिरिक्त तेल हट जाता है. बेसन त्वचा पर स्क्रब की तरह काम करता है. इससे चेहरे की मृत कोशिकाएं भी हटती हैं. यह उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां आने से रोकता है.

 

एलोवेरा का फायदा

एलोवेरा जेल स्‍किन पर ठंडक का एहसास दिलाता है. यह स्‍किन पोर्स को साफ करता है. ऐसे में ऑयली स्किन वालों के लिए यह बेहद उपयोगी है. इसके अलावा एलोवेरा एक एंटी-एजिंग एलिमेंट के तौर पर काम करता है. ऐलोवेरा में बीटा कैरोटीन, विटामिन-सी और ई जैसे ऐंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो स्किन जवां रखते हैं.

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नींबू का रस

नींबू में अम्लीय गुण पाए जाते हैं, जो आश्चर्यजनक रूप से स्‍किन पर काम करते हैं. नींबू त्वचा के पीएच स्तर को संतुलित करने के लिए जाना जाता है, जो मुंहासे और तैलीय त्वचा के पीछे मुख्य कारण हो सकता है. नींबू विटामिन-सी से भी भरपूर होता है और ये रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने में कारगर है.

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