कोई भी रिश्ता तभी मुकम्मल होता है जब दोनों एकदूसरे के लिए 100 परसैंट उपलब्ध होते हैं. मगर इस तरह रिश्ता निभाना आसान नहीं होता. रास्ते में ढेरों चुनौतियां आती हैं. हाल ही में नेशनल ओपिनियन रिसर्च सैंटर के एक सर्वे में 60 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया कि वे अपने रिश्ते से बहुत संतुष्ट नहीं हैं. इस सर्वे के मुताबिक, एक रिश्ते में कई तरह की परेशानियां सामने आती हैं, मसलन घर और नौकरी की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बिठाना, बच्चे पालने से जुड़ी चुनौतियां, पैसे से जुड़ी परेशानियां और विवाद, रिश्ते में पर्याप्त इंटीमेसी यानी सैक्स का न होना.

इन सब कारणों के अलावा एक और बड़ा कारण है जो पिछले कुछ सालों से रिश्तों में दरार पैदा करने का जरिया बना है, वह है हमारा आप का प्यारा स्मार्टफोन. साइंसडायरैक्टडौटकौम में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, मोबाइल फोन रिश्ते बिगड़ने से ले कर उन के टूटने तक की वजह बन रहा है.

मोबाइल फोन से बिगड़ रहे रिश्ते

मनोविज्ञान में एक टर्म है- फबिंग. इस का अर्थ है कि किसी व्यक्ति का फोन या अन्य मोबाइल डिवाइस पर ध्यान देने के लिए अपने साथी को नजरअंदाज करना. मान लीजिए कि आप बैठे हैं और बात पार्टनर से कर रहे हैं लेकिन नजरें फोन पर टिकी हैं. पार्टनर कुछ बोल रहा है लेकिन आप फोन पर गेम खेल रहे हैं. इस का अर्थ यह हुआ कि सामने बैठे व्यक्ति से आप का कोई कनैक्शन नहीं और मीलों दूर बैठे किसी इंसान से फोन पर आप की चैटिंग चल रही है. इस का नतीजा क्या होगा? क्या आप के पार्टनर को बुरा नहीं लगेगा? उस से आप का इक्वेशन बिगड़ेगा नहीं? आजकल यही समस्या आम बनती जा रही है.

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