चिलचिलाती धूप, धूलमिट्टी और उमस भरे गरमी के मौसम में अकसर हम बुझाबुझा सा महसूस करते हैं. हमारी त्वचा और बाल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती खोने लगते हैं. मगर कुछ बातों का खयाल रखें, तो हम इस मौसम में भी कूल और फ्रैश महसूस कर सकते हैं.

नमकयुक्त पानी से नहाएं

गरमियों में रोज स्नान करने से शरीर की बदबू, संक्रमण और रोगाणुओं से हमारी रक्षा होती है. स्नान हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत बनाता है.

इस मौसम में हमारे शरीर से काफी पसीना निकलता है, जिस के साथ शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर आते हैं. स्नान न केवल इन विषाक्त पदार्थों को साफ करता है, बल्कि जीवाणुओं और वायरस का भी खात्मा करता है. स्नान करने से नींद भी अच्छी आती है. नमकयुक्त पानी से नहाने से बढ़ती उम्र का असर भी बेअसर हो जाता है. इस से त्वचा मुलायम और चमकदार भी बनती है.

मौइश्चराइजर और सनस्क्रीन

गरमी के मौसम में त्वचा बेजान और रूखी दिखने लगती है. सूर्य की तेज किरणें त्वचा को डैमेज कर सकती हैं. ऐसे में आवश्यक है कि आप किसी अच्छी क्वालिटी की मौइश्चराइजर क्रीम का प्रयोग करें. मौइश्चराइजर से त्वचा की नमी और चमक बरकरार रहती है. प्राकृतिक तरीकों से भी त्वचा को मौइश्चराज्ड कर सकती हैं.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट निर्मल रंधावा कहती हैं कि गरमियों में सूर्य की हानिकारक यूवीबी किरणों के संपर्क में आने से त्वचा को नुकसान पहुंचता है. वह जल भी सकती है. ऐसे में सनस्क्रीन का प्रयोग आवश्यक हो जाता है. यह सूर्य की किरणों से त्वचा को बचाने के लिए सुरक्षा कवच तैयार करता है. इस मौसम में कम से कम 30 एसपीएफ वाली सनस्क्रीन क्रीम घर से बाहर निकलने से करीब 15-20 मिनट पहले लगा लेनी चाहिए.

त्वचा की देखभाल

यदि इस मौसम में त्वचा की सही देखभाल न की जाए तो सनबर्न, त्वचा में चिपचिपापन या फिर स्किन ऐलर्जी की समस्या भी पैदा हो सकती है. अत: इस मौसम में कुछ इस तरह करें त्वचा की रक्षा:

जहां तक संभव हो सके तेज धूप में न निकलें. सूर्य की सीधी किरणें त्वचा के कोलोजन और इलास्टिक टिशूज को नष्ट कर उसे हानि पहुंचाती हैं. अगर निकलना जरूरी ही हो तो सनस्क्रीन क्रीम लगा कर ही निकलें.

धूप में निकलते समय आंखों पर काला चश्मा लगा लें ताकि आंखों के नीचे की नाजुक त्वचा सुरक्षित रहे.

गरमी के मौसम में स्किन की रोज क्लीनिंग, टोनिंग और मौइश्चराइजिंग जरूर करें. इस के लिए अपनी त्वचा के अनुरूप प्रोडक्ट्स खरीदें या फिर प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करें जैसे कच्चे दूध से क्लीनिंग करें तो गुलाबजल से टोनिंग. ऐलोवेरा जैल का इस्तेमाल मौइश्चराइजिंग के लिए करें.

सप्ताह में कम से कम 1 दिन त्वचा को ऐक्सफौलिएट जरूर करें. इस से रक्तसंचार सुचारु होता है और त्वचा की बाहरी सतह पर मौजूद मृत कोशिकाएं बाहर निकल जाती हैं.

बालों की देखरेख

गरमी के मौसम में ह्यूमिडिटी लैवल अधिक होने की वजह से बालों को नुकसान पहुंचता है. अत: बालों की तंदुरुस्ती को कायम रखना जरूरी है. इस संदर्भ में बिग बौस हेयर सैलून ऐंड स्पा के संस्थापक हरीश भाटिया के बताए कुछ टिप्स पेश हैं:

इस मौसम में प्राकृतिक तरीकों से बालों को स्टाइल दें, हीट का प्रयोग कम से कम करें.

शैंपू के बाद हलका गरम तेल बालों के सिरों से ले कर जड़ों तक लगाएं और हलकी मसाज करें. इस से रक्तसंचार बढ़ेगा और बाल चमकदार व सेहतमंद दिखेंगे.

यदि तैरने जा रही हों, तो पानी में उतरने से पहले बालों को पानी से भिगो लें. इस से ये कम मात्रा में क्लोरीन अब्जौर्व करेंगे.

बालों में नियमित कंडीशनर और हेयर सनस्क्रीन क्रीम का प्रयोग करें.

मेकअप

गरमी के दिनों में मेकअप में भी हलकी रंगत अच्छी लगती है. इस मौसम में वाटरप्रूफ मेकअप बेहतर विकल्प है, क्योंकि यह पसीने से धुलता नहीं है.

ब्यूटी ऐक्सपर्ट निर्मल रंधावा कहती हैं, ‘‘गरमियों में आईशैडो क्रीम या ग्लिटर के प्रयोग से बचें. हलके रंग के केक आईशैडो का इस्तेमाल करें. आंखों के मेकअप के लिए एक रंग के शेड्स का प्रयोग करें. आईलाइनर के साथ वाटरप्रूफ मसकारे का प्रयोग करें. होंठों के लिए भी हलके रंग जैसे पीच, गुलाबी या फिर भूरे का प्रयोग करें.’’

कैसे रहें हाइड्रेटेड

हमेशा अपने साथ पानी की बोतल जरूर रखें और नियमित अंतराल पर पानी पीती रहें. दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी जरूर पीएं. इस से शरीर हाइड्रेटेड और ऊर्जावान रहेगा. इस मौसम में फल और सब्जियां जिन में पानी की मात्रा अधिक होती है जैसे तरबूज, अंगूर, खरबूज, तुरई, मूली वगैरह का ज्यादा सेवन करें.

डियो छोड़ें

पसीने की बदबू दूर करने के लिए अकसर डियो का इस्तेमाल करते हैं. डियो ब्रैंडेड ही खरीदें. लोकल डियो में कैमिकल्स काफी मात्रा में होते हैं. ऐसे डियो केवल बदबू दबाने का काम करता है. यदि आप इसे डाइरैक्ट स्किन पर स्प्रे करेंगी तो सूर्य के संपर्क में आने पर यह ऐलर्जी का कारण बन सकता है. इसलिए नामी कंपनी का डियो ही इस्तेमाल करें. गरमियों में टैलकम पाउडर या फ्रैगरैंस वाले साबुन का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.

लैमन, मैंथोल, लैवेंडर, रोज, जैसमिन जैसी कई तरह की खुशबुओं में उपलब्ध साबुन और पाउडर प्रकृतिक तत्त्वों प्रयोग से बनाए जाते हैं. आकर्षक महक वाला साबुन और टैलकम पाउडर आप को अंदर से तरोताजा बनाता है. इन में चिकित्सीय गुण भी होते हैं. टैलकम पाउडर आर्मपिट और दूसरी जगहों से मौइश्चर अब्जौर्ब करता है. इस से पसीना कम निकलता है. फंगल इन्फैक्शन से भी बचाव होता है.

गरमी के मौसम में पसीने की समस्या बढ़ जाती है. शरीर के कुछ खास हिस्से ऐसे होते हैं जहां बालों की मौजूदगी पसीना, बदबू और इन्फैक्शन की वजह बन सकती है. इसलिए बेहतर होगा कि पहले ही इन्हें हटा लिया जाए.

निर्मल रंधावा कहती हैं कि शरीर के अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए वैक्सिंग और शेविंग सब से सहज तरीके हैं. स्थायी रूप से शरीर से बाल हटाने के लिए लेजर तकनीक का प्रयोग किया जाता है, जो काफी सफल और बेहतर तरीका है.

इन सभी बातों का ध्यान रखने के साथसाथ अपने व्यक्तित्व को और निखारने के लिए भीनीभीनी सुगंध वाली परफ्यूम का भी इस्तेमाल करें. ताजगी और खुशबू का कौंबिनेशन लोगों को आप का दीवाना बना देगा.

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