बालों का झड़ना ही समस्या नहीं है, बल्कि उन का पतला हो जाना भी एक बड़ी समस्या है और यह पुरुष और महिला दोनों की उम्र हो जाने पर होती है, लेकिन यही समस्या अगर कम उम्र में होने लगे, तो चिंता का विषय बन जाती है. पुरुष अधिकतर बालों के झड़ने की समस्या से परेशान होते हैं, जबकि ज्यादातर महिलाएं हेयर लौस से. हेयर लौस का अर्थ है बालों का पतला होना, क्योंकि हेयर थिनिंग से बालों का वौल्यूम धीरेधीरे घटता जाता है. इस से प्रत्येक बाल के व्यास में धीरेधीरे कमी आ जाती है. हालांकि यह प्रक्रिया बहुत धीमे होती है. लेकिन कुछ ही दिनों में बालों का करीब 15% वौल्यूम घट जाता है, क्योंकि झड़े बालों की जगह मजबूत बाल नहीं उग पाते. अगर बालों का झड़ने या पतला होने को रोका न जाए तो समस्या दिनबदिन गंभीर होती जाती है

इस बारे में ओजोन ग्रुप की हेयर ऐक्सपर्ट डा. उमा सिंह बताती हैं, ‘‘हेयर थिनिंग की समस्या अधिकतर बालों को सही पोषक तत्त्वों के न मिलने, हारमोनल बदलाव होने, मानसिक तनाव के बढ़ने और मैटोबोलिक असंतुलन की वजह से होती है. ऐंड्रोजोनिक थिनिंग जो अधिकतर पुरुष हारमोंस होते हैं, जेनेटिकली यह जन्म के बाद से निर्धारित होते हैं. लेकिन अगर किसी महिला में ये हारमोंस थोड़े से भी हों, तो ये हेयर फौलिकल को मजबूत करने में असमर्थ होते हैं, जिस से बाल पतले हो कर आसानी से झड़ने लगते हैं.’’

उचित पोषण जरूरी

बालों के पतला होने में हेयर कलरिंग, हाईलाइटिंग आदि सभी जिम्मेदार होते हैं. बारबार ऐसी चीजों के प्रयोग से स्कैल्प की सतह कमजोर हो जाती है, जिस से बाल झड़ते हैं. ऐसे में अगर किसी ने बालों के साथ इस तरह के प्रयोग किए हैं तो उसे अपने बालों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है

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