हम हर रोज अलग अलग कई चीजों से डील करते है. ऐसे में अगर पार्टनर गुस्से वाला हो, तो उससे भी डील करना सीख लें. शायद इससे ज़िंदगी कुछ आसान हो जाएँ और आपका रिलेशनशिप भी हैप्पी एंड हेल्थी हो जाएँ. वैसे भी जहाँ प्यार होता है वहां रूठना मनाना तो चलता ही रहता है.

पार्टनर गुस्से वाला हो, तो एक हद तक समझाओ फिर गिवअप कर दो. ये भूल जाओं की उसे समझ आएगी। लोग कहते है गुस्सा करना सेहत के लिए ठीक नहीं, तुम चिड़चिड़े हो जाओगे, दोस्त यार गायब हो जायेंगे. ये सब बकवास बातें हैं. लेकिन उसके साथ डील कैसे करें ये याद रखों। गुस्सा भी एक इमोशन और भावनाओं के जैसा है उसे समझें ओर उसी के अनुसार डील करें।

वो काम न करों, जो गुस्सा दिलाते हैं

जब भी कोई एक गुस्सा हो, तो दूसरे को सबसे पहले इस बात का कारण पता लगाना चाहिए कि वो क्यों गुस्सा है. मतलब दोनों पार्टनर के बीच झगड़ा किस बात को लेकर होता है, इस बात को समझें और नोट कर लें. इससे गुस्सा भड़केगा नहीं. अगर उन्हें आपका ज्यादा फोन पर बात करना पसंद नहीं, तो उनके सामने ज्यादा बात करने से बचे.

पार्टनर गुस्सा है, तो उठकर कहीं ओर चले जाओ

किसी का गुस्सा भी एक हद तक बर्दाश्त किया जा सकता है इसलिए जब पार्टनर गुस्सा करें, तो उठकर कही चले जाओ जैसे कि उस टाइम आप गार्डनिंग करें, म्यूजिक सुनें, टीवी देखे। इससे आपको गुस्सा भी नहीं आएगा और फील गुड़ होगा.

हर सवाल का जवाब नहीं मिल सकता

अगर पार्टनर गुस्से में है तो जरुरी नहीं कि हर बात पर बहस की जाये और उसका जवाब दिया जाएं। यदि आप हर बात का जवाब देंगे तो विवाद की स्थिति पैदा हो जाएगी. इसलिए पार्टनर गुस्से में है, तो आप ना बहस करके सारे गड़े मुर्दे उखाड़ें।

एक चुप सौ को हराता है

ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी कि एक चुप सौ को हराता है. यह बिलकुल सही बात है. जब आप चुप रहेंगे तो पार्टनर को भी अपनी गलती का अहसास जल्दी ही हो जायेगा वो अपने व्यवहार के लिए आपसे माफ़ी भले ही ना मांगे लेकिन आपसे इधर उधर की नार्मल बातचीत करके यह जरूर जता देंगे कि वह ओवररीएक्ट कर रहे थे.

शांत माहौल में बात करें

अगर कोई बात करनी भी है, तो माहौल शांत होने पर प्यार से करें। ऐसे बात करेंगे तो पार्टनर को ज्यादा अच्छे से समझ आएगा. जब पार्टनर का गुस्सा कम हो जाए तो उनका मूड देखकर बात करें।

एंगर मैनेजमेंट थेरेपी

पहले खुद ही पता करने की कोशिश करें कि गुस्सा करना पार्टनर का नेचर है, वह आजकल ऑफिस या फिर घर कि किसी बात को लेकर परेशां है या फिर किसी ट्रॉमा की वजह से उसका व्यवहार गुस्सैल हो गया है. ये पता करने के बाद जरुरत लगे तो उन्हें एंगर मैनेजमेंट थेरेपी दिलवाएं इससे जरूर मदद मिलेगी.

पार्टनर की पर्सनालिटी को समझें

आपके पार्टनर को कब, किन बातों पर क्यों गुस्सा आता है. इन बातों पर धयान दे और ऐसे सिचुएशन में पड़ने से बचे. इससे घर का माहौल शांत रहेगा क्यूंकि आप अपनी तरफ से कोई बढ़ावा नहीं दे रहें.

दिल पर मत ले यार

आपको अगर अपने पार्टनर का नेचर पता है, तो आप जानते होंगे कि वह आपको उल्टा सीधा गुस्से में बोल रहे हैं. हालाँकि आपके बारें में वह ऐसे सोच नहीं रखते इसलिए उनकी कहीं हर बात को दिल से ना लगाएं.

अपनी गलती भी मानें

लड़ाई को हार जीत का खेल न बनाएं। हर बात पर खुद को सही साबित की कोशिश न करें।
अगर गलती आपकी हो तो उसे ना मानकर पार्टनर को ओर ज्यादा गुस्सा ना दिलाएं। उन्हें एहसास दिलाएं कि आपसे गलती हुई और आपको इस बात का अफसोस है. देखिये कैसे मिंटो में उनका गुस्सा शांत हो जाता है.

पार्टनर के विचारों को समझे और उसके हिसाब से डील करें

पार्टनर को और उनकी बातों को अपने मुताबिक ना समझें। क्योंकि लाइफ में सभी का सोचने का नजरिया अलग-अलग होता है। किसी बात को लेकर आपकी और उनकी राय अलग अलग हो सकती है. एक दूसरे पर अपनी राय ना थोपे बल्कि जिसको जैसा पसंद है उसे वैसा करने की आज़ादी दें ताकि आप दोनों एक दूसरे का सम्मान कर सकें और झगडे की वजह ही ख़तम हो जाएँ।

जादू की झप्पी लें

गुस्से में हग करना सबसे अच्छा तरीका है. किसी को हग करने से हैप्पी हार्मोन रिलीज होते हैं. इसके अलावा नसों को शांत करने में मदद करता है. जब भी पार्टनर गुस्सा करे, तो उसे कस के हग कर लें. उस पर चिल्लाने, उसे समझने और गुस्सा करने के बजाए जादू की झप्पी सबसे ज्यादा गुस्सा कंट्रोल करती है.

पार्टनर गुस्से वाला है, तो हद तक बर्दाश्त करें

अपनी इंसल्ट बर्दाश्त ना करें

अगर पार्टनर की आदत हो गए है बार बार सबके सामने आपको नीचा देखने की तो हर बार आप यह सब ना सहें और पार्टनर से अपने रिलेशन के बारें में एकटुक बात करें और किसी नतीजे पर पहुंचे.

अपनी सेल्फ रेस्पेक्ट न छोड़े

अगर हर बार लड़ाई ख़तम करने की वजह से गलती न होते हुए भी झुकना और अपने अस्तित्व को खोते जाने की अगर आपने आदत बना ली है, तो उसे छोड़ दे. अपने सेल्फ रेस्पेक्ट से बढ़कर कुछ नहीं है. आप पार्टनर के साथ डील करने की पूरी कोशिश करें। लेकिन अगर पानी सर से ऊपर चला जाएँ, तो उन्हें समझाना या उनके साथ डील करना बेकार है. ऐसे टॉक्सिक रिलेशन से बाहर आने के बारें में सोचने का भी आपको पूरा हक़ है.

 

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