त्योहार का असली आंनद परिवार के साथ ही मिलता है. एक ही जगह पर परिवार के साथ भी खुशियों का मजा दूना करना है तो परिवार के साथ किसी पर्यटन स्थल की ट्रिप प्लान करें. त्योहार में कम लोग बाहर घूमने जाते हैं. ऐसे में वहां भीड़भाड़ कम होती है. होटल में जगह आसानी से मिल जाती है. बाजार में फैस्टिवल की मस्ती और धूमधाम देखने को मिलती है. हर जगह त्योहार मनाने का अलग अंदाज होता है.
पर्यटन के साथ ही साथ दूसरी जगह की कला, संस्कृति और उत्साह देखने को मिलता है. कई पर्यटन स्थलों पर शिल्प मेले और दूसरे आयोजन होते हैं, जो पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए प्लान किए जाते हैं, जिस से पर्यटकों को घूमने के साथ वहां की कला व संस्कृति को सम?ाने का मौका मिले.
फैस्टिवल की छुटिट्यों के साथ ही अगर थोड़ी छुट्टियों का प्रबंध हो जाए तो घूमने की कोई अच्छी सी सब के पसंद वाली ट्रिप प्लान कर सकते हैं. इस में फैस्टिवल के साथ ही पूरा परिवार घूमने का भी मजा ले सकता है. देश में यातायात के खराब व महंगे प्रबंधन के कारण ट्रिप प्लान करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है. घूमने के लिए धार्मिक पर्यटन स्थलों का प्लान न करें.
धार्मिक स्थलों पर अब वहां के अलगअलग धार्मिक कानून बन गए हैं, जिस से घूमने वालों की आजादी प्रभावित होती है. त्योहारों में धार्मिक पर्यटन स्थलों पर कट्टरपन और भी बढ़ जाता है, जिस से घूमने का मजा किरकिरा हो जाता है.
इस के साथ ही धार्मिक पर्यटन स्थलों पर वहां के लोगों की राय के हिसाब से चलना पड़ता है, जो घूमने वाले की आजादी को खत्म करता है. कई बार त्योहारों में भीड़ सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक होती है.