उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बेहद पौश इलाके हजरतगंज में रहने वाली गीता रस्तोगी ने अपने घर के लौन को बगिया में बदलने के लिए बोनसाई का सहारा लिया है. बोनसाई के तमाम तरह के पौधों के साथ उन की बगिया में आम्रपाली आम, अमरूद और नीबू के पेड़ भी लगे हैं. 

लखनऊ के खानदानी व्यवसायी परिवार से संबंध रखने वाली गीता रस्तोगी पहले पुराने लखनऊ के चौक महल्ले में रहती थीं. वहां घर में जगह ज्यादा नहीं थी तो घर के टैरेस पर ही अपनी बगिया लगाई थी. 16 साल पहले वे हजरतगंज में शाहनजफ रोड पर आ बसीं. यहां उन के घर में काफी जगह थी जिस में उन का मखमली घास का लौन तैयार हुआ, फिर आम, अमरूद, नीबू और दूसरे पेड़ लगाए गए. अपने लौन को खूबसूरत बनाने के लिए गीता रस्तोगी ने बोनसाई से तैयार होने वाले पौधों का सहारा लिया. उन के पास करीब 50 प्रकार के बोनसाई के पेड़ हैं. 

बोनसाई के पौधे लंबी उम्र के होते हैं. अगर इन की सही देखभाल की जाए तो ये 100 साल की उम्र तक भी रह सकते हैं. वैसे बोनसाई से लौन और घर सजाने की पहल के चलते इस का बिजनैस भी शुरू हो गया है. करीबकरीब हर छोटेबडे़ शहर में बोनसाई को बेचने वाले लोग मिल जाते हैं. इस की कीमत पेड़ की प्रजाति और उस की उम्र के हिसाब से तय होती है. आमतौर पर इस की कीमत 500 रुपए से शुरू हो कर 8 हजार रुपए तक होती है. इन पेड़ों में साइकस, पाम, आम, नीबू, अमरूद, शहतूत, नारंगी, बोगनबेलिया, कैक्टस और सफेद करौंदा प्रमुख होते हैं.

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