बच्चा वहीं सीखता है जैसा उसे माहौल मिलता है. चाहे वो घर का हो या स्कूल का. यह बात सिर्फ उसके व्यवहार पर ही लागू नहीं होती बल्कि उसकी सेहत से भी जुड़ी होती है. बच्चे बहुत कोमल होते हैं, जैसे सांचे में ढालोगे वैसे ही वो बन जाएंगे. इसी तरह उनका पाचन तंत्र भी कमजोर होता है अगर आप उन्हें पोषण से भरपूर भोजन देते हैं तो वो उनकी सेहत के लिये अच्छा होगा. यदि बाहर का खाना या कुछ और खाते हैं तो वो उनकी जीवन शैली के लिए गलत रहेगा और वो कई तरह के संक्रमण की चपेट में आने की आशंका को बढ़ावा देगा. कई बार समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ और अधिक परेशान करती हैं. इसलिए जरूरी है उनके खान पान और उनकी जीवनशैली का बचपन से ही ध्यान रखा जाएं.

बच्चों को स्तनपान जरूर कराएं

बच्चों के सही विकास की शुरुआत उसके पैदा होने से ही शुरू हो जाती है. मां का दूध बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के लिए बहुत जरूरी है. मां के दूध की बच्चे के लिए उपयोगिता को देखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि छह महीनों तक बच्चे को सिर्फ मां का दूध ही दिया जाना चाहिए. इसके बाद दो साल तक बाहरी दूध और खाने-पीने की दूसरी चीजों के साथ स्तनपान जारी रखी जा सकता है. बचपन में बच्चे को कराया स्तनपान पूरी जिंदगी उसके स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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पोषण से भरपूर भोजन

बच्चों के  सही विकास के लिये जरूरी है उसे पौष्टिक आहार देना. रोजाना उसके भोजन में एक तिहाई फल व सब्जियां खिलाएं व दो तिहाई अनाज अवश्य दें, प्रोटीन व फाइबर को डाइट में करें शामिल, फास्ट फूड व जंक फूड से बनाएं दूरी, रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी पीने की आदत डालें, भोजन हमेशा बच्चे की उम्र की जरूरत के हिसाब से खिलाएं अधिक भोजन भी बीमारियों की जड़ बन सकता है.

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