उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले से हो कर नेपाल को जाने वाली सड़क पर पड़ने वाले बाजार बर्डपुर में एक दुकान पर हर रोज हजारों की भीड़ देखने को मिलती है. यह भीड़ वहां की लोकप्रिय मिठाई रामकटोरी के चाहने वालों की होती है. यह मिठाई शुद्ध देशी घी और मैदे से बनाई जाती है. बर्डपुर की यह मिठाई इतनी लोकप्रिय है कि इस की मांग अरब देशों तक में है.

बर्डपुर से पलटा देवी मार्ग पर पड़ने वाली गायत्री स्वीट्स नाम की दुकान पर सिर्फ रामकटोरी मिठाई ही मिलती है. इस मिठाई को बनाने की शुरुआत इस के मालिक विनोद मोदनवाल ने 1991-92 में की थी. पहले वे खोए से तमाम तरह की मिठाइयां बनाते थे, लेकिन उन्होंने एक ऐसी मिठाई बनाने की सोची जो स्वाद से भरपूर और बेहद सस्ती हो. फिर उन्होंने मैदा, देशी घी, खोए और गरी के बुरादे से रामकटोरी नाम की मिठाई बनाने की शुरुआत की.

यह मिठाई छोटी कटोरी के आकार की होती है, जिस में खोया भरा जाता है. सिद्धार्थनगर जिले में नेपाल बौर्डर से 15 किलोमीटर दूर बर्डपुर ब्लाक रामकटोरी के लिए मशहूर है.

विनोद मोदनवाल का पूरा परिवार पिछले 25 सालों से रामकटोरी बनाने के कारोबार में लगा हुआ है. इस मिठाई को बनाने में विनोद मोदनवाल गुणवत्ता व स्वाद का पूरा खयाल रखते हैं, जिस की वजह से आसपास के जिलों के अलावा विदेशों में भी इस की मांग बनी हुई है.

बनाना है बेहद आसान :

-1 किलोग्राम रामकटोरी मिठाई तैयार करने के लिए 100 ग्राम देशी घी, 700 ग्राम मैदा, 290 ग्राम खोया, इच्छानुसार गरी का बुरादा, चीनी व तलने के लिए घी की जरूरत पड़ती है.

-इस के लिए पहले मैदे को घी में खस्ता किया जाता है और जब मैदा पूरी तरह खस्ता हो जाता है, तो इसे गूंध कर उस की छोटीछोटी गोलियां बना कर उन्हें चपटा कर के कटोरी का आकार दिया जाता है.

-फिर इसे हलकी आंच पर सुनहरा होने तक देशी घी में तला जाता है.

-जब कटोरी का आकार एकदम सुनहरी हो जाए तो इसे पहले से तैयार की गई चीनी की चाशनी में 5 मिनट के लिए डुबो कर बाहर निकाला जाता है.

-कटोरी से जब चीनी की चाशनी सूख जाती है, तो गरी के बुरादे व खोए को इस की खाली जगह में भर कर इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है और खोया भरने के 10 मिनट बाद यह मिठाई खाने के लिए तैयार हो जाती है.

विनोद मोदनवाल का कहना है कि 1 किलोग्राम रामकटोरी को तैयार करने में 110 रुपए से 120 रुपए की लागत आती है. लेकिन आम लोगों तक इस मिठाई को पहुंचाने के लिए बेहद कम मुनाफे पर सालों से इन का परिवार लगा हुआ है. इस मिठाई का स्वाद और गुणवत्ता ही इस की पहचान है.

एक बार राम कटोरी मिठाई को जो भी चख ले, वह इस का मुरीद हो जाता है.

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