मशहूर लोकगायिका मालिनी अवस्थी आज के कानफोड़ू संगीत के दौर में अपने लोकगीतों की मिठास से संगीत प्रेमियों का दिल जीत रही हैं. तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद सफलता के मुकाम पर पहुंची मालिनी से कुमार अभय ने बातचीत की.

लोककला के क्षेत्र में मालिनी अवस्थी एक जानापहचाना नाम है. इस क्षेत्र में उन के विशिष्ट योगदान के आधार पर भोजपुरी अकादमी ने उन्हें अपना अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक राजदूत यानी ब्रैंड एंबैसेडर बनाया था. लेकिन मनोज तिवारी सहित भोजपुरी फिल्मों के कई कलाकारों के विरोध के चलते मालिनी अवस्थी ने यह कहते हुए इस पद को छोड़ दिया कि कोई भी पद कला से ऊपर नहीं है. गौरतलब है कि मालिनी को ले कर यह विवाद इसलिए हुआ था क्योंकि वे भोजपुरी के बजाय अवधी भाषा की हैं.

वर्ष 2012 में रिलीज हुई बौलीवुड की फिल्म ‘एजेंट विनोद’ का एक गाना ‘दिल मेरा मुफ्त का...’ काफी मशहूर हुआ था. यह गाना चर्चा में इसलिए भी आया कि इसे लोकगीतों की गायिका मालिनी अवस्थी ने गाया था. आमतौर पर मालिनी को लोग ठुमरी, दादरा, कजरी और होरी गाने गाते व नृत्य करते देखा करते थे. पर हिंदी फिल्म ‘एजेंट विनोद’ के इस आइटम सौंग को मालिनी की आवाज में सुनना लोगों के लिए अनोखा था. मालिनी कहती हैं, ‘‘गाना कोई भी हो, सुनने वालों के दिल में उतर जाए तो एक कलाकार के लिए यह सम्मान की बात है.’’

लखनऊ के एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी मालिनी के मातापिता की भी वही इच्छा थी, जो उस समय का चलन था. यानी बेटी बड़ी हो तो फौरन ब्याह कर दो. बस. मालिनी कहती हैं, ‘‘मांपिताजी ने मेरी शादी भी छोटी ही उम्र में कर दी. बच्चे भी जल्दी हो गए. मगर दिल के अंदर एक कलाकार की जो छटपटाहट थी, वह बारबार आगे बढ़ने और कुछ कर दिखाने को प्रेरित करती थी. सो, मैं ने शास्त्रीय संगीतज्ञ गिरजा देवी के सान्निध्य में संगीत का प्रशिक्षण लेना शुरू किया तो लगा, सपना हकीकत में जरूर बदलेगा.’’

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