भारतीय अर्थव्यवस्था के कौल सैंटर में आप का स्वागत है.यहां आप को गरीबी, महंगाई, भ्रष्टाचार से ले कर शेयर बाजार और लुढ़कते रुपए से बात करने का मौका मिलेगा, बशर्ते आप आम नागरिक हों. और हां, करप्शन के इस दौर में गारंटी की इच्छा कतई न करें.
	‘ट्रिन…ट्रिन…ट्रिन…’ फोन की मधुर ध्वनि सुनाई पड़ती है. पर इस समय उसे उठाने वाला वहां कोई नहीं है. फोन बजता रहता है कि तभी कोई फोन उठाता है.
	‘‘हैलो.’’
	‘‘नमस्कार, भारतीय अर्थव्यवस्था में आप का स्वागत है. हिंदी के लिए
	1 दबाएं, फौर इंगलिश प्रैस 2.’’
	(1 दबाने पर)
	‘‘यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था के पुराने भुक्तभोगी हैं तो 1 दबाएं. यदि आप नए भुक्तभोगी बनना चाहते हैं तो 2 दबाएं.’’
	(1 दबाने पर)
	‘‘यदि आप महंगाई  से बात करना चाहते हैं तो 1 दबाएं, भ्रष्टाचार के लिए 2 दबाएं, घोटाले के लिए 3 दबाएं, गरीबी के लिए 4 दबाएं, बेरोजगारी के लिए 5 दबाएं, गिरते शेयर बाजार के लिए 6 दबाएं, लुढ़कते रुपए के लिए 7 दबाएं, काले धन के लिए 8 दबाएं, इस संदेश के दौरान कभी भी पीएम से बात करने के लिए
	9 दबाएं, पिछले मैन्यू में जाने के लिए हैश दबाएं.’’
	(1 दबाने पर)
	कुछ समय तक सुरीली धुन बजती रही.
	‘‘कृपया प्रतीक्षा करें. महंगाई अभी दूसरे कौल पर व्यस्त है. कृपया लाइन पर बने रहें. जल्द ही हम आप की बात महंगाई से करवाएंगे, धन्यवाद.’’
	फिर बहुत देर तक वही धुन बजती रही.
	‘‘कौल को होल्ड करने के लिएक्षमा चाहती हूं. मेरा नाम महंगाई है, मैं किस प्रकार आप की सहायता कर सकती हूं?’’
	‘‘हैलो, मैं एक आम नागरिक बोल रहा हूं. मैं यह जानना चाहता हूं कि आप कब तक यों ही बढ़ती रहेंगी?’’
	‘‘जी, आम नागरिकजी, मैं जरूर इस बारे में आप की सहायता करूंगी. क्या इस के  लिए मैं आप को कुछ देर के लिए होल्ड कर सकती हूं,
	आम नागरिकजी?’’
	‘‘जी.’’
	फिर कुछ देर के लिए सुरीली धुन सुनाई देती है.
	‘‘जी, आम नागरिकजी, कौल को होल्ड करने के लिए धन्यवाद. मैं आप को बताना चाहूंगी, आम नागरिकजी कि आप के द्वारा मांगी गई जानकारी अभी हमारे पास उपलब्ध नहीं है. क्या मैं आप की अन्य कोई सहायता कर सकती हूं, आम नागरिकजी?’’
	कुछ देर खामोशी रही.
	‘‘हैलो, आम नागरिकजी, क्या आप मुझे सुन पा रहे हैं?’’
	‘‘जी.’’
	‘‘क्या मैं आप की और किसी प्रकार से सहायता कर सकती हूं,
	आम नागरिकजी?’’
	‘‘जी, क्या मैं उन लोगों से बात कर सकता हूं जो आप को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं?’’
	‘‘जी, आम नागरिकजी, अवश्य ही मैं आप की उन लोगों से बात करवाती हूं, जो इस के लिए जिम्मेदार हैं. कृपया लाइन पर बने रहिए.’’
	‘‘जी.’’
	फिर कुछ समय तक वही सुरीली धुन बजती रही.
	‘‘जी, आम नागरिकजी, क्षमा चाहती हूं, सभी जिम्मेदार लोग अन्य कौल पर व्यस्त हैं. कृपया कुछ देर बाद कौल करें. भारतीय अर्थव्यवस्था में कौल करने के लिए धन्यवाद.’’
	(पी…ऽऽ पी…ऽऽ पी…ऽऽ)
	फोन डिस्कनैक्ट हो गया था. आम नागरिक फिर से वही नंबर डायल करने लगा था, क्योंकि उस की शंकाओं का समाधान अभी नहीं हुआ था.




 
  
  
  
             
        




 
                
                
                
                
                
                
                
               