नीतू आहूजा 47 साल की है. उसके 2 बेटे हैं. 18 साल का ऋषभ और 21 साल का निर्भय. दोनों बच्चे पढ़ाई में अच्छे हैं. पति शरद आहूजा एक मल्टीनैशनल कंपनी में मैनेजर पद पर कार्यरत हैं. साउथ दिल्ली के पौश इलाके में शानदार कोठी है. दोदो गाड़ियां हैं. पैसे की कोई कमी नहीं है. घरेलू कार्यों के लिए नौकर लगे हैं. नीतू के सासससुर का देहांत हो चुका है. एक देवर है जो अपने परिवार के साथ अमेरिका में बस चुका है. घर भौतिक ऐशोआराम की चीजों से भरा भुआ है. फिर ऐसे भरेपूरे घर की महिला को क्या दुख हो सकता है? मगर नीतू हमेशा उदासी और तनाव में रहती है. वजह है उनका मोटापा, उनकी थुलथुल काया जिसने न सिर्फ उसकी सारी खूबसूरती ख़त्म कर दी है बल्कि पति ने भी उस थुलथुल काया से अब दूरी बना ली है. नीतू को याद नहीं आखिरी बार उस ने पति से शारीरिक संबंध कब बनाए थे.
पिछले दिनों गोवा के एक होटल से घर के लैंडलाइन पर एक फोन आया, ‘“मैडम, हमने अपने होटल के बारे में फीडबैक लेने के लिए आपको फोन किया है.हम जानना चाहते हैं कि हमारी सेवाएं आपको कैसी लगीं?’
‘“जी, मैं तो गोवा गई नहीं,’” नीतू ने आश्चर्य जताया.
“’आप मिसेज आहूजा बोल रही हैं, मिस्टर शरद आहूजा की वाइफ?’
‘“जी, मैं ही बोल रही हूं.’”
‘“मैडम, आप और मिस्टर आहूजा पिछले हफ्ते हमारे होटल में रहे हैं.’”
‘“नहीं, मैं गोवा नहीं गई.’”
फोन कट गया. दरअसल,फोन करने वाला समझ गया कि शरद आहूजा किसी और महिला के साथ उस के होटल में पूरा हफ्ता एंजौय करके गए हैं. गलती से उन्होंने होटल के रजिस्टर में अपना लैंडलाइन नंबर डाल दिया.
इस फोन ने नीतू आहूजा को बहुत ज्यादा परेशान कर दिया. पिछले हफ्ते शरद औफिस टूर पर बेंगलुरु जाने का बोल कर गए थे. लेकिन इस फोन से साफ था कि वे बेंगलुरु नहीं बल्कि किसी महिला मित्र को पत्नी बता कर गोवा के होटल और बीच पर मस्ती मार रहे थे.
नीतू इस सच से अनजान नहीं हैकि उसके पति के बाहरी औरतों से नजदीकी संबंध हैं. बावजूद इसके,वह उन से कोई सवाल नहीं कर पाती है क्योंकि घर में और रिश्तेदारों के बीच शरद का व्यवहार नीतू के साथ प्यारभरा ही होता है. बच्चों के लिए भी वे आदर्श पिता हैं. वे उनकी हर जरूरत पूरी कर रहे हैं.
मगर नीतू जानती है कि शरद के दिल में और उन के जीवन में अब उसकी वह जगह नहीं है जो शादी के बाद 10वर्षों तक थी. शायद अब शरद को उसकी कोई ज्यादा जरूरत भी नहीं रह गई है. दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी कई सालों से नहीं हैं. क्योंकि नीतू का भारीभरकम शरीर किसी कोण से आकर्षित नहीं लगता. चाहे वह कीमती डिजाइनर ड्रैस पहन ले या लैटेस्ट डिजाइन के गहने लाद ले.
शरद उसको ले कर अब औफिस की पार्टियों में या अपने दोस्तों के घर भी नहीं जाता है, जैसे पहले वो दोनों बच्चों को साथ लेकर जाया करते थे. दिल्ली में शरद और नीतू के कुछ रिश्तेदार हैं, उनके घर जब कोई फंक्शन होता है तब शरद परिवार सहित जाता है.
नीतू जानती है कि शरद को उसके साथ खड़े होने में बड़ी शर्मिंदगी होती है क्योंकि 50 की उम्र में भी वह बिलकुल चुस्तदुरुस्त और छरहरा है. दोनों साथ होते हैं तो शरद जहां दोनों बच्चों का बड़ा भाई नजर आता है वहीं नीतू तीनों की मम्मी जैसी दिखती है.7-8 वर्षों पहले जब नीतू और शरद के बीच शारीरिक संबंध बनने कम होने लगे थे तब नीतू ने इस ओर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.वह खुद बच्चों की परवरिश में उलझी थी और शरद का काम भी बढ़ गया था, मगर धीरेधीरे जब दोनों के बीच शारीरिक संबंध लगभग ख़त्म हो गए तब नीतू का ध्यान अपने शरीर की तरफ गया. वह समझ रही थी कि उसकी थुलथुल काया पति को कोई सुख नहीं दे पा रही है.
फिर कभीकभी कोई उड़ती सी बात उसके कानों में पड़ जाती कि ‘मिस्टर आहूजा औफिस में लड़कियों के साथ बहुत हंसीमजाक करते हैं, औफिस पार्टियों में लड़कियों के साथ बहुत फैंडली हो जाते हैं. नीतू को ये बातें कचोटती थीं, पर वह पति से कोई शिकायत नहीं कर पाई. उसको डर था कि कहीं शरद पलट कर उसके भारीभरकम शरीर पर कोई कमैंट न कर दे. खामोश रह कर एक तरह से उसने पति को लड़कियों के साथ घुलनेमिलने की छूट दे दी थी ताकि उसे अपने बदन पर कोई ताना न सुनना पड़ जाए.
मगर गोवा से फोन आने के बाद से नीतू गहरे दुख में है. उसको उम्मीद नहीं थी कि शरद इस हद तक आगे बढ़ जाएगा.बेंगलुरु का बहाना बना कर किसी लड़की को उस के नाम से गोवा ट्रिप पर ले जायगा और उसके साथ होटल में पूरा एक हफ्ता बिता कर आएगा. इससे पहले भी वह औफिस टूर की बात कह कर कभी जयपुर तो कभी सिंगापुर गया है. तो क्या वह पहले भी औफिस के काम से नहीं, बल्कि औरत का साथसंग पाने के लिए गया था? यह शक नीतू को दिनरात परेशान किए रहता है.
जबरदस्त तनाव झेलते हुए भी नीतू इस विषय में पति से कभी कोई बात नहीं कर पाई. कोई सवाल नहीं पूछ पाई. क्योंकि उसकी अपनी कमजोरी बड़ी है. पति को अगर स्त्रीदेह की तलब है और वह उस जरूरत को पूरा नहीं कर पा रही है तो पति की ख्वाहिशों पर वह कैसे नकेल डाल सकती है?
नीतू शादी के वक़्त बहुत सुंदर और औसत कदकाठी की थी. सजधज कर बहुत प्यारी और भरीभरी दिखती थी. शरद उस पर जान छिड़कता था. शादी के 5 साल के भीतर ही नीतू 2सुंदर बेटों की मां बन गई. मगर दूसरे बेटे के जन्म के बाद उसका वजन बढ़ने लगा. उसने तब ध्यान नहीं दिया. बच्चों के लालनपालन, सासससुर की देखभाल और रिश्तेदारियां निभाने में वह 10-12 सालों में 55 किलो से 105 किलो की हो गईऔर इसका एहसास उसको तब होना शुरू हुआ जब पति तो क्या, उसके जवान होते बच्चे भी उसके साथ कहीं जाने में शर्म महसूस करने लगे. स्कूल की पेरैंटटीचर मीटिंग में भी, बस, पापा को ही आने के लिए कहने लगे. शरद ने तो नीतू के साथ कहीं घूमनाफिरना, फिल्में देखना या छुट्टियों में हिल स्टेशन आदि पर जाना ही बंद कर दिया.
ऐसा नहीं कि नीतू ने अपना वजन कम करने की कोशिश नहीं की मगर शुरू में ध्यान न देने के कारण वह मोटापे के साथसाथ कई अन्य बीमारियों की शिकार हो गई. थायराइड और बीपी की समस्याओं ने उसका तनाव और मोटापा दोनों बढ़ाया. अपच, अनिद्रा, सांस फूलना, घबराहट, समय से पहले मीनोपोज जैसी दिक्कतों के चलते वह और ज्यादा परेशान रहने लगी.
विशेषज्ञों का मानना है कि तनावग्रस्त आदमी ज्यादा खाता है. यही नीतू के साथ हुआ. वह जब डिप्रैशन या तनाव में होती थी तो फास्ट फूड, नमकीन, चिप्स, चौकलेट जैसी चीजें खाने लगती थी. व्यायाम उससे होता नहीं था. सांस फूलती थी. इन्हीं तमाम बातों के चलते नीतू मांस का एक बड़ा ढेर बन कर रह गई है. मोटापे के कारण उसने घर से निकलना बिलकुल बंद कर दिया है. बालकनी में भी खड़ी होती है तो सारा ध्यान इस बात पर होता है कि कहीं कोई उसको देख तो नहीं रहा है.
एक दैनिक अखबार में खबर प्रकाशित हुई कि मध्य प्रदेश के भोपाल में एक शख्स ने अपनी पत्नी के मोटापे से परेशान होकर उससे तलाक मांगा है. पति का कहना है कि वह कहीं जाता है तो लोग उसे मोटी पत्नी का ताना देते हैं और उसका मजाक उड़ाते हैं.
शख्स पेशे से प्रोफैसर है. उसका कहना है कि पत्नी उसकी बात नहीं मानती है. उसने बताया कि पत्नी का वजन कम करने के लिए वह अब तक 5 लाख रुपए से अधिक खर्च कर चुका है. मगर वह अपना वजन कम करने के प्रति गंभीर नहीं है. इसलिए अब वह किसी भी तरह अपनी पत्नी से तलाक लेना चाहता है. पत्नी को भरणपोषण के लिए वह एक मुश्त 25 लाख रुपए देने को तैयार है. इसके अलावा, वह बच्चे के पालनपोषण के लिए भी रुपए देने को तैयार है.
हालांकि, शख्स की पत्नी ने आरोप लगाया है कि पति का कालेज की लड़कियों के साथ अफेयर है, इसलिए वह तलाक लेना चाहता है. उसका कहना है कि उसका पति कालेज की लड़कियों के साथ फ्लर्ट करता है. उसने शक जताया है कि पति का किसी लड़की के साथ अफेयर चल रहा है. वहीं, काउंसलर का कहना है कि मोटापा तलाक का आधार नहीं हो सकता है. फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है.
आगरा के परिवार परामर्श केंद्र में एक मामला आया जहां पति अपनी पत्नी से आएदिन होने वाले झगड़ों के कारण तलाक लेना चाहता है. दरअसल,झगड़े की वजह पत्नी का ओवरवेट होना ही है. पति कहता है कि जब वह सुबह मौर्निंगवाक के लिए पत्नी को जगाता है तब वह उठने में आनाकानी करती है और झगड़ा करती है. वाक के लिए जाना नहीं चाहती.
कभीकभी छोटा सा झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि नौबत गालीगलौच और मारपीट तक आ जाती है. वहीं खाने को लेकर भी आएदिन दोनों के बीच झगड़ा होता है. पत्नी को परांठे और मिर्चमसाले वाली तलीभुनी चीजें पसंद हैं और वह वही बनाती है जबकि पति हैल्थ कान्शस है और सादा खाना खाना चाहता है जो उसे घर में मिलता नहीं है. पति का आरोप है कि उसकी पत्नी ने दोनों बच्चों को भी अनहैल्दी खाना खिलाखिला कर अपने जैसा बना लिया है. इससे पतिपत्नी के बीच झगड़ा होता है और अब वे एकदूसरे के साथ रहना नहीं चाहते हैं.
काउंसलर डा. अमित गौड़ का कहना है कि अब तक तो सिर्फ घरेलू हिंसा, सासननद या मायके वालों के दखल के संदिग्ध मामले ही केंद्र पर आया करते थेलेकिन अब तो मोटापा बढ़ने के कारण दंपती में झगड़ों के मामले भी केंद्र पहुंचने लगे हैं.
दैनिक भास्कर की एक खबर के मुताबिक, पत्नी के अत्यधिक मोटापे से परेशान होकर दुबई में एक व्यक्ति ने उसे तलाक देने की अर्जी दायर की. व्यक्ति ने पत्नी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पत्नी के अत्यधिक वजन के कारण उसकी सैक्सलाइफ बरबाद हो गई है. अर्जी में बताया कि मोटापे के कारण पत्नी कई बीमारियों से ग्रस्त है. उसकी खराब सेहत के कारण वह सैक्स संबंध नहीं बना पाता है.
गल्फ न्यूज के मुताबिक, दुबई कोर्ट में पत्नी की ओर से भी तलाक की अर्जी दी गई थी. जिसमें पति पर उसे अनदेखा करने और शादी की जिम्मेदारियां न निभाने का आरोप लगाया गया है. इस बात से स्तब्ध होकर पति ने पत्नी पर उसके मोटापे को लेकर मुकदमा कर दिया. पति द्वारा कोर्ट में दायर की गई अर्जी में बताया गया कि उसकी पत्नी देर तक सोती रहती है. दोपहर तक उठने के बाद ज्यादातर समय टीवी के सामने गुजार देती है. बच्चे पर ध्यान नहीं देती. मूडी होने के साथ वह एक अविवेकशील महिला है. उससे सैक्स संबंध बनाने में दिक्कत पेश आती है.
मोटापा आपसी संबंधों को तो बिगाड़ता ही है, आपकी सेहत और इम्यून सिस्टम को भी बरबाद कर देता है. मोटापा अनेक बीमारियों की जड़ है. शरीर में फैट बढ़ने से हार्ट पर बुरा असर पड़ता है. धमनियों में खराब कोलैस्ट्रौल जमा होने लगता है जिससे रक्तप्रवाह में बाधा पैदा होने लगती है. यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है. मोटापा तनाव पैदा करता है. शुगर, थायरौयड, आर्थराइटिस, जोड़ों में दर्द और सूजन, अपच, अनिंद्रा, हाइपरटैंशन, बालों का झड़ना जैसी तमाम तकलीफों की जड़ बढ़ता मोटापा ही है.
अपवाद छोड़ दें तो कोई भी पुरुष मोटी स्त्री को नहीं चाहता. सभी छरहरी काया पर मरते हैं. हर पुरुष चाहता है कि उसकी पत्नी यदि बहुत सुंदर न भी हो, तो प्रेजेंटेबल अवश्य हो. ऐसे कई केसेस सामने आए हैं जहां पुरुषों ने किसी दबाव में, पैसे या संपत्ति के लालच में या नौकरीपेशा स्त्री की चाह में मोटी स्त्री से विवाह कर लियाऔर बाद में बाहर दूसरी औरतों से संबंध बना लिए.
मोटी स्त्री अपनों के गुस्से और उपेक्षा की शिकार बनती हैया मजाक की. न तो उसे प्रेम मिलता है, न तरक्की. गलीमहल्लों या शादीब्याह में ही नहीं, नौकरियों में भी इंटरव्यू या प्रमोशन के समय वजनदार महिलाएं किनारे सरका दी जाती हैं.
अमेरिकी एंप्लायर रिव्यू साइट फेयरीगौडबौस ने साल 2020 में 500 हायरिंग प्रोफैशनल्स का इंटरव्यू किया. कंपनी यह समझना चाहती थी कि ज्यादा या कम वजन की महिला कैंडिडेट को एचआर वाले किस तरह देखते हैं. सर्वे में शामिल 20 फीसदी एचआर प्रोफैशनल्स ने कहा कि उन्हें मोटी स्त्रियां सुस्त लगती हैं और इसलिए वे उन्हें इंटरव्यू में रिजैक्ट कर देते हैं.
18 फीसदी लोगों ने मोटापे पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. 22 फीसदी ने बढ़े हुए वजन वाली महिलाओं पर संदेह जताया और कहा कि वे आएदिन छुट्टी करती रहेंगी. कुछ ही लोग थेजिन्होंने कहा कि वे वजनदार महिला उम्मीदवार को उसकी स्किल से परखेंगे, न कि वजन से.मगर, यह भेदभाव भारी शरीर वाले पुरुषों के साथ नहीं होता है. इससे उलट उन्हें घरगृहस्थी वाला और ज्यादा जिम्मेदार माना जाता है. चीन की सेचवान यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के मुताबिक, महिला कैंडिडेट का वजन अगर आंखों को चुभने वाला होता है तो उसे नौकरी मिलने की संभावना 15.2 फीसदी कम हो जाती है.
वहीं, पुरुषों के मामले में वजन का ज्यादा होना कोई दिक्कत नहीं, बल्कि यह उनके सैटल्ड होने के प्रमाण की तरह देखा जाता है. स्टडी में यह भी माना गया कि मोटापा महिलाओं के रोजगार में कुछ वैसे ही आड़े आता हैजैसे सेना में भरती की इच्छा रखने वालों की आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ा होना.