दांत चमका तो लिए पर दिखाए नहीं, तो क्या फायदा? यहां दांत दिखाने से मतलब दिल खोल कर ठहाके लगा कर हंसने से है. रोजमर्रा की भागदौड़भरी स्ट्रैसफुल लाइफ में जहां लोगों पर तनाव व डिप्रैशन का साया है वहां लोग खुल कर हंसनाखिलखिलाना शायद भूल ही गए हैं. जिधर देखिए हैरानपरेशान, मायूस चेहरे दिखाई देते हैं. लेकिन आप शायद नहीं जानते सौ दर्दों की एक दवा है हंसना और खुल कर हंसना. जिस तरह चाय चीनी के बिना और समोसा आलू के बिना अधूरा है, उसी तरह हंसी के बिना जीवन अधूरा है. शायर जफर गोरखपुरी ने भी यह सही कहा है :

हद से अधिक संजीदगी सच पूछो तो रोग आगापीछा सोचते बूढ़े हो गए लोग. यही कारण है कि आज 40 की उम्र के लोग भी 60 के दिखते हैं क्योंकि उन्होंने चेहरे पर तनाव व मायूसी ओढ़ी हुई है. यह बात तो शोधों में भी साबित हुई है कि हंसतामुसकराता चेहरा सदा जवां व खूबसूरत दिखता है. मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि जब कोई हंसता है तो मस्तिष्क के न्यूरोकैमिकल्स सक्रिय हो कर शरीर को बेहतर एहसास कराते हैं. हंसने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है व निराशा उत्पन्न करने वाले हार्मोन के स्तर में कमी आती है.

इम्यून सिस्टम हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. जब हम नकारात्मक भाव या नैगेटिव थौट से भरे होते हैं तो हम डिप्रैशन, तनाव व गुस्से का शिकार होते हैं. इस से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है. लेकिन इस के विपरीत हंसने व खुश रहने से शरीर के प्राकृतिक किलर सैल्स यानी ऐंटीबौडीज मजबूत होती हैं. 

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