दांत शरीर का सब से कठोर हिस्सा माना जाता है. खाना खाने या चबाने के अतिरिक्त ये चेहरे की बनावट, सुंदरता और प्रस्तुति में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्वस्थ दांत उन्हें कहा जाता है जिन का आकार अच्छा हो, खोखले या पीले न हों और जिन के मसूढ़े स्वस्थ हों. मसूढ़े दांतों के बहुत महत्त्वपूर्ण हिस्से होते हैं. ये दांतों को पकड़ कर व उन्हें बचा कर रखते हैं ताकि उन में संक्रमण न हो और वे स्वस्थ रहें.

मसूढ़े दांतों के कोमल बाहरी आवरण होते हैं जो मूंगागुलाबी रंग के हों तो स्वस्थ माने जाते हैं. बैक्टीरिया, प्लाक और सही देखभाल न मिलने पर मसूढ़े कमजोर हो जाते हैं. इन का रंग गहरा लाल या मैरून हो जाता है. ये सूज जाते हैं, छिल जाते हैं और मुंह में दर्द रहने का कारण बनते हैं. आइए, मसूढ़ों के बारे में अन्य तथ्य और इन की देखभाल कैसे की जाए के विषय में विस्तार से जानते हैं...

खून आने के कारण

मसूढ़ों में संक्रमण होने के चलते खून आने लगता है. मुंह की सफाई न रखने से प्लाक, टार्टर व कैल्कुलस जमा हो जाता है जिस से मसूढ़े दांत की पकड़ छोड़ने लगते हैं और उन से खून आने लगता है.

चोट लगने के कारण मसूढ़ों से खून आ सकता है. तेज ब्रश करने से, टूथपिक का उचित प्रयोग न करने से, बाह्य पदार्थ से, कृत्रिम जबड़े से, खाद्य पदार्थ में मौजूद अम्ल व रसायन आदि की वजह से भी मसूढ़ों से खून आ जाता है.

रक्त संबंधित बीमारियां जैसे रक्त का थक्का जमाने के फैक्टर की कमी, हिमोफीलिया, ल्यूकीमिया व दूसरी बीमारियों की वजह से भी मसूढ़ों से खून आता है.

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